अयोध्या । उत्तर प्रदेश में चुनावों के सामाजिक समीकरणों को देखते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने  पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 200 से ज्यादा प्रमुख जाट नेताओं से मुलाकात की। इस दौरान शाह ने जाट नेताओं से भगवा पार्टी को समर्थन देने की अपील करते हुए कहा कि दोनों मिलकर एक दुश्‍मन से लड़े थे। जाट समुदाय की प्रतीक पगड़ी पहने शाह ने जाट समुदाय से अपनी पार्टी के पुराने रिश्‍ते को स्‍पष्‍ट करते हुए कहा,'मुझसे पूछा जाता है कि हम तो सिर्फ 50 साल पुरानी पार्टी हैं तो फिर हम साथ मिलकर 650 वर्षों से कैसे लड़ रहे हैं। मैंने कहता हूं कि आप मुगलों से लड़े, हम भी उनसे लड़े। यह हमारा रिश्‍ता है!' शाह ने जाट समुदाय की नाराजगी तो दूर करने की कोशिश तो की ही, साथ ही रालोद नेता जयंत चौधरी के प्रति भी नरम रुख दिखाते हुए कहा, हम भी उन्हें चाहते थे, लेकिन उन्होंने गलत घर चुन लिया। अगली बार उनसे बात कर लेना। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में इस बार सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रालोद नेता जयंत चौधरी से हाथ मिलाया है। इससे जाटों का समर्थन इस गठबंधन के साथ भी जा सकता है। इसके ऊपर किसानों का गुस्सा और जाट आरक्षण ने भी भाजपा की चुनौती को काफी बढ़ा दिया है। ऐसे में उस चुनौती से पार पाने के लिए और 2017 के प्रदर्शन को फिर दोहराने के लिए गृह मंत्री अमित शाह खुद चुनावी मैदान में कूद गए हैं। उन्हें पूरा विश्वास है कि एक बार फिर बीजेपी को जाटों का पूरा समर्थन मिल जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने  पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 200 से ज्यादा प्रमुख जाट नेताओं से मुलाकात के दौरान राजा महेंद्र प्रताप सिंह का उल्लेख करते हुए कहा कि उनका सम्मान हमने किया। मोदी जी ने और योगी जी ने किया है। उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह के बाद सबसे ज्यादा मंत्री जाट समाज से भाजपा ने ही दिए हैं। तीन राज्यपाल, कई सांसद कई विधायक भाजपा ने जाट समाज से दिए हैं। अमित शाह ने भरोसा दिलाया कि आपने जो काम बताया मैंने लिखा तो नहीं पर सब मान कर चलना कि पूरे होंगे, उन्होंने कहा कि भाजपा पर जाट समाज का अधिकार है।