इंदौर ।   कुलीनों के क्लब यशवंत क्लब में एक बार फिर से चुनावी बिसात बिछने लगी है। कोरोना संक्रमण के कारण पिछले दो सालों से चुनाव टल रहे थे। इस बार के चुनाव में वर्तमान अध्यक्ष परमजीत छाबड़ा पम्मी और पूर्व अध्यक्ष टोनी सचदेवा के बीच में मुकाबले की संभावना है।

यशवंत क्लब में हर दो साल में चुनाव होते हैं। वर्तमान मैनेजिंग कमेटी वर्ष 2018 में चुनी गई थी, जिसमें पम्मी छाबड़ा चुनाव जीते थे। इसके बाद वर्ष 2020 में चुनाव होने थे, लेकिन कोरोना महामारी के कारण ये आगे बढ़ गए। वर्ष 2021 में भी चुनाव को लेकर हलचल मची थी, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर आ गई। यशवंत क्लब सदस्यों का कहना है कि इस बार चुनाव होंगे। इसके लिए तैयारी शुरू हो गई है। क्लब के नियमों के अनुसार जून के अंतिम रविवार को चुनाव होते हैं। यशवंत क्लब के चुनाव शहर में चर्चा का विषय बनते हैं। करीब चार हजार सदस्यों वाले इस क्लब में चुनाव की पार्टियां करीब दो माह पहले ही शुरू हो जाती है, जिन पर दोनों पैनलें करोड़ों रुपये खर्च करती हैं। हालांकि इन चुनावी पार्टियों पर रोक लगाने की मांग भी कई बार हो चुकी है।

वर्तमान कमेटी को मिला लंबा समय 

 यशवंत क्लब के वर्तमान अध्यक्ष पम्मी छाबड़ा इस बार चुनाव लड़ने के लिए पात्र हैं। इसलिए उनके नेतृत्व में ही यह चुनाव होगा। पम्मी की पैनल ने यशवंत क्लब में जितने काम करवाने का वादा किया था, लगभग सभी कर दिए गए। चार साल में क्लब में कोई बड़ा विवाद भी सामने नहीं आया है। अब सामने वाली पैनल से कौन लड़ता है, यह देखना होगा। उम्मीद है कि इस बार भी पूर्व अध्यक्ष सचदेवा ही चुनाव लड़ेंगे। क्लब सदस्यों के अनुसार इस बार भी सचदेवा और संजय गौरानी मिलकर चुनाव में अपनी पैनल उतार सकते हैं।