अनिल बैजल को दिल्ली के उपराज्यपाल पद पर 2016 में नियुक्त किया गया था। उनका पांच वर्ष का कार्यकाल पिछले साल पूरा हो गया था, लेकिन उन्हें आगे भी पद पर बरकरार रखा गया। नजीब जंग के इस्तीफा देने के बाद 31 दिसंबर 2016 को बैजल उपराज्यपाल बनाए गए थे।कार्यकाल के दौरान बैजल का प्रशासनिक अधिकार क्षेत्र और शासन संबंधी मुद्दों पर केजरीवाल सरकार के साथ कई बार टकराव हुआ। यहां तक कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रियों ने 2018 में बैजल के कार्यालय में धरना दिया था।

बैजल के स्थान पर किसकी नियुक्ति होगी इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है, लेकिन सूत्रों ने संकेत दिया है कि केंद्र नौकरशाह को उपराज्यपाल बनाने की लंबे समय से जारी परंपरा के बजाए किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति को नए उपराज्यपाल के रूप में नियुक्त कर सकता है।