वाशिंगटन । अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने रूस से कहा कि उनका देश यूक्रेन संकट से निपटने के लिए तैयार  है। रूस में अमेरिका के राजदूत जॉन सुलिवन के मॉस्को में रूस की सरकार को कुछ दस्तावेज सौंपने के तुरंत बाद विदेश मंत्रालय के फोगी बॉटम मुख्यालय में ब्लिंकन ने पत्रकारों से कहा ‎कि सब बता दिया गया है, इससे एक गंभीर कूटनीतिक रास्ता खुलता है। रूस को इसे चुनना चाहिए। विदेश मंत्री ने कहा ‎कि हमारे द्वारा दिए गए दस्तावेजों में अमेरिका, हमारे सहयोगियों तथा भागीदारों की रूस के उन कदमों को लेकर चिंताएं शामिल हैं, जिनसे सुरक्षा कमजोर होती है। इनमें रूस द्वारा उठाई गई चिंताओं का एक सैद्धांतिक तथा व्यावहारिक मूल्यांकन और उन क्षेत्रों के लिए हमारे अपने प्रस्ताव जहां हम साझा आधार खोजने में सक्षम हो सकते हैं आदि भी शामिल हैं। ब्लिंकन ने कहा ‎कि हम यह स्पष्ट करते हैं कि ऐसे मूल सिद्धांत हैं, जिन्हें हम बनाए रखने और जिनकी रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसमें यूक्रेन की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता बनाए रखने और देशों को अपनी सुरक्षा व्यवस्था तथा गठबंधन के संबंध में फैसला लेने का अधिकार शामिल है। हमने यूक्रेन में बलों की तैनाती की स्थिति के संबंध में संभावित पारस्परिक पारदर्शी उपायों के साथ-साथ यूरोप में सैन्य अभ्यास तथा युद्धाभ्यास के संबंध में विश्वास बढ़ाने को लेकर भी अपनी बात रखी है। 
उन्होंने कहा कि अमेरिका बातचीत को तैयार है। हम कूटनीति को प्राथमिकता देते हैं और यदि रूस, यूक्रेन के प्रति अपनी आक्रामकता को कम करता है, भड़काऊ बयानबाजी को रोकता है और पारस्परिक भावना से यूरोप में सुरक्षा के भविष्य के बारे में चर्चा करता है, तो हम आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं जहां संचार एवं सहयोग की संभावना है। उन्होंने कहा कि अमेरिका की प्रतिक्रिया यूक्रेन और उसके यूरोपीय सहयोगियों एवं भागीदारों के साथ पूरी तरह से समन्वित है, जिनके साथ वह कई हफ्तों से लगातार परामर्श कर रहा है। देश मंत्री ने कहा ‎कि हमने उनकी राय मांगी और उसे रूस को सौंपे गए अंतिम दस्तावेज में शामिल किया गया है। ब्लिंकन के बयान के कुछ देर बाद ही नाटो के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने ब्रसेल्स में कहा कि गठबंधन ने रूस को संचार में सुधार, सैन्य घटनाओं या हादसों से बचने के तरीकों की जांच करने और हथियार नियंत्रण पर चर्चा करने के प्रस्ताव के साथ एक अलग जवाब भेजा है। हम उन सिद्धांतों से समझौता नहीं कर सकते हैं और ना ही करेंगे, जिन पर हमारे गठबंधन की सुरक्षा और यूरोप तथा उत्तरी अमेरिका की सुरक्षा टिकी हुई है। यह राष्ट्रों का सम्मान करने और अपना रास्ता चुनने के उनके अधिकार के बारे में है।