बिलासपुर में चीतल का शिकार कर उसके मांस को बेचने का मामला सामने आया है। मामला कोटा वन विकास निगम के वन परिक्षेत्र भैंसाझार का है। वन विकास निगम के कर्मचारियों को गुरुवार को सूचना मिली कि ग्राम मेंड्रापारा में चीतल का शिकार कर दो लोग मांस की बिक्री कर रहे हैं। खबर मिलते ही कर्मचारियों की टीम गांव पहुंच गई। इस दौरान उन्होंने जानकारी जुटाई, तब पता चला कि जिस जगह पर चीतल का मांस बेचा जा रहा था वहां कोई नहीं है। मकान की तलाशी लेने पर पता चला कि शिकारियों ने मांस को टॉयलेट में छिपा दिया है। टीम ने चीतल के मांस को जब्त किया और जांच के लिए डॉग स्क्वायड की मदद ली।

डॉग स्क्वायड की टीम गांव पहुंची। उसने टॉयलेट में बोरियों में छिपाकर रखे मांस को सूंघा और कर गांव के एक घर में पहुंच गया। जहां वन कर्मियों ने पूछताछ की, तो पता चला कि उन्होंने 100 रुपए किलो में मांस खरीदा था। टीम ने मांस के खरीदार श्यामलाल को पकड़ लिया। उसके खिलाफ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। पूछताछ में श्यामलाल ने बताया कि उसने गांव के ही दुर्गेश और रोहित से चीतल का मांस खरीदा है। टीम ने उनके घर में दबिश दी, लेकिन दोनों फरार हो गए थे। अधिकारिक जांच के लिए मांस का सैंपल लेकर लैब भेजा जाएगा। शिकारियों ने चीतल का शिकार कहां और कैसे किया है। इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। अफसरों का कहना है कि शिकारियों के पकड़े जाने के बाद इसका खुलासा हो सकेगा