भोपाल ।  कोरोना महामारी के बाद बंद की गई पैसेंजर ट्रेनों को जल्द चालू किया जाएगा। इसकी मांग बार-बार उठती रही है। इस बार मंडल रेल उपयोगकर्ता सलाहकार समिति के सदस्यों ने डीआरएम सौरभ बंदोपाध्याय से कहा है कि बंद की गई ट्रेनों को चालू किया जाए। जिस पर डीआरएम ने वरिष्ठ स्तर पर बातचीत करके ट्रेनों को चालू करने का भरोसा दिया था। यह भी कहा है कि इन ट्रेनों का अच्छा विकल्प मेमू ट्रेनें हैं, जिनकी संख्या भी बढ़ाई जाएगी। सदस्यों ने यह बात हबीबगंज डीआरएम कार्यालय में मंगलवार को बुलाई बैठक में कही। बता दें कि कोरोना महामारी के बाद से पैसेंजर ट्रेनें बंद है या फिर इक्का-दुक्का ही चल रही है। इन्हें चालू कराने की मांग उठती रही है। तब भी रेलवे गंभीर नजर नहीं आ रहा है इन ट्रेनों को चलाने का निर्णय मंडल स्तर से नहीं, बल्कि जोन व रेलवे बोर्ड स्तर से होने हैं लेकिन मांग मंडल स्तर से भी भेजी जा सकती है। इन ट्रेनों को मजदूर, किसानों की ट्रेनें भी कहते हैं। जिनमें खासकर कम आय वर्ग के यात्री सफर करते हैं। इनकी सबसे बड़ी खासियत थी कि ये छोटे-छोटे स्टेशनों पर ठहराव लेकर चलती थी। जिसमें गांव के लोग शहरों तक आना-जाना करते थे। इन ट्रेनों के बंद होने से कई ग्रामीण परिवारों के आय का जरिया ही बंद हो गया है। डीआरएम ने बैठक को संबोधित किया। समिति सचिव व वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक प्रियंका दीक्षित ने मंडल की उपलब्धियों, आगामी योजनाओं व अधोसंरचना से जुड़े कार्यों की जानकारी दी। एडीआरएम योगेश कुमार सक्सेना व रश्मि दिवाकर समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।

डीआरएम ने यह बताया

- पांच स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे लगा रहे हैं। छह जोड़ी नई ट्रेनें, नौं जोड़ी विशेष नई ट्रेनें, 14 ट्रेनों में कोच, छह स्टेशनों पर 16 लिफ्ट, भोपाल, बीना एवं इटारसी स्टेशन पर 2-2 एस्केलेटर लगाएं हैं। 65 स्टेशनों पर दिव्यांगजनों के लिये शौचालय बनाकर आठ पर कोच गाइडेंस प्रणाली की सुविधा दे दी है। स्टेशनों पर शेड निर्माण, रेल लाइनों का दोहरीकरण, तिहरीकरण, छोटे स्टेशनों का विकास, अंडरपास, ओवरपास बना रहे हैं। ट्रैक के किनारे बाउंड्रीवाल का काम भी चल रहा है।

सदस्यों ने ये प्रस्ताव रखे

- भोपाल स्टेशन से राज्यरानी व विंध्याचल एक्सप्रेस के समय में बदलाव करें। झांसी-इटारसी पैसेंजेर को चालू करें। - कमलेश सेन,

- ट्रेन 51607/08-51609/10 पैसेंजर की सेवा बहाल करें। नागदा-बीना पैसेंजर को पुराने समय से चलाया जाए। -सुनील आचार्य

- गुना-ग्वालियर रेलखंड के दोहरीकरण करें। गुना-ग्वालियर के बीच मेमू ट्रेन चलाएं। - विष्णु अग्रवाल