कोरोना वायरस के खिलाफ लगातार टीकाकरण अभियान तेजी से चल रहा है। इसी बीच भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) ने भारत बायोटेक के इंट्रानैसल बूस्टर खुराक परीक्षण को अनुमति दे दी है। डीसीजीआई की विषय विशेषज्ञ समिति ने भारत बायोटेक को अपने इंट्रानैसल कोविड वैक्सीन के लिए 'फेज- III बूस्टर डोज स्टडी' के लिए 'इन- प्रिंसिपल' मंजूरी दे दी है। ये भारत में अपनी तरह का पहला है, और इसे अप्रूवल के लिए तीन सप्ताह में प्रोटोकॉल जमा करने के लिए कहा गया है. ये ट्रायल 9 अलग-अलग जगहों पर किए जाएंगे।

भारत बायोटेक तीसरी खुराक के तीसरे चरण के ट्रायल के लिए आवेदन जमा करने वाली दूसरी कंपनी है। इंट्रानैसल टीके कथित तौर पर नए कोविड-19 वेरिएंट जैसे ओमिक्रोन के ट्रांसमिशन को रोकने की क्षमता रखते हैं। भारत ने देश में टीकाकरण के लिए कोविशिल्ड, कोवैक्सिन और स्पुतनिक-V को मंजूरी दे दी है। कोवैक्सिन को DCGI की 28-दिवसीय Multi-Dose Vial Policy (MDVP) और WHO आपातकालीन उपयोग सूची (WHO EUL) के तहत उपयोग के लिए अनुमोदित किया गया है।

 इंट्रानैसल वैक्सीन में ओमिक्रॉन सहित कोरोना वायरस के विभिन्न वेरिएंट को फैलने से रोकने की क्षमता होती है। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने गुरुवार को कहा कि, डीसीजीआई ने कुछ शर्तों के आधार पर वयस्क आबादी में उपयोग के लिए कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सिन को बाजार में उतारने की अनुमति दी है।

नाक से दी जाने वाली इस कोरोना वैक्सीन का परीक्षण देश में 9 जगह किया जाएगा। भारत बायोटेक ने स्वदेशी वैक्सीन कोवाक्सिन का निर्माण कर देश में इस महामारी के खिलाफ जंग में बड़ी कामयाबी हासिल की है। कंपनी अब बूस्टर खुराक के लिए नाक से दी जाने वाली वैक्सीन बना रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत बायोटेक ने अपनी नैजल वैक्सीन BBV154 को पहले से टीका ले चुके लोगों को बूस्टर डोज के तौर पर उपयोग करने का प्रस्ताव दिया है।