शनिवार को दिल्ली और हरियाणा पुलिस ने चरखी दादरी स्थित इमलोटा गांव में नकली सिक्के बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया। इस दौरान पुलिस को 674 किलोग्राम के अधूरे नकली सिक्के बरामद हुए जिनकी कीमत करीब आठ लाख रुपये है। इस कार्रवाई के दौरान दिल्ली पुलिस के अधिकारियों को भी काफी हैरानी हुई। असली और नकली के बीच पहचान कर पाना उनके लिए काफी मुश्किल हो रहा था। फैक्टरी में बिहार के मजदूर काम कर रहे थे। उन्हें एक सिक्का बनाने पर 25 पैसे दिए जा रहे थे और एक मजदूर दिन भर में 1500 से दो हजार नकली सिक्के बना रहा था। ऐसी चार फैक्टरियां चल रही थीं। इन सभी का मास्टरमाइंड नरेश कुमार था जो कच्चा माल खुद ही गुप्त तरीके से लाता था। 

नकली सिक्के बनाने वाला मास्टरमाइंड नरेश कुमार इससे पहले भी कई बार पकड़ा जा चुका है। दिल्ली पुलिस ने पहले उसे 2016 में बवाना इलाके में ऐसी ही एक फैक्टरी चलाने के अपराध में पकड़ा था। इसके बाद हरियाणा पुलिस भी दो-दो बार नरेश कुमार को नकली सिक्के बनाने के कारण पकड़ चुकी है। नरेश जमानत पर बाहर आया हुआ था और पिछले डेढ़ महीने से चार अलग अलग फैक्ट्रियों में नकली सिक्के बनवा रहा था। फैक्टरी से 10 रुपये के 10,112 नकली सिक्के बरामद किए गए। अब तक 10 लाख रुपये के नकली सिक्के यहां बन चुके हैं। करीब एक हजार वर्ग गज पर बने एक अलग कमरे में नकली सिक्के बनाए जा रहे थे। फैक्ट्री में अधिकांश 20, 10 और 5 रुपये के नकली सिक्के बनाए जा रहे थे। स्पेशल सेल ने नकली फैक्टरी का पर्दाफाश कर बहादुरगढ़ निवासी 48 वर्षीय नरेश कुमार को गिरफ्तार किया है। वह नकली सिक्के बनाने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड है। इसके अलावा बिहार के मधुबनी बिहार निवासी संतोष कुमार मंडल (34), धर्मेन्द्र कुमार शर्मा (19), धर्मेन्द्र महतो (34) और श्रवण कुमार शर्मा (30) को गिरफ्तार किया है।