जितना पुण्य कन्यादान, हजारों वर्षों की तपस्या और स्वर्ण दान करने के बाद मिलता है, उससे कहीं ज्यादा फल एकमात्र षटतिला एकादशी का व्रत करने से प्राप्त होता है।

तिल का उपयोग पूजा, हवन, प्रसाद, स्नान, स्‍नान, दान, भोजन और तर्पण में किया जाता है। तिल के दान का विधान होने के कारण कारण यह षटतिला एकादशी कहलाती है। आइए जानें क्या करें क्या न करें....

1. कांसे के बर्तन में भोजन करना

2. मांस का सेवन

3. मसूर की दाल का सेवन

4. शहद का सेवन

5. दूसरे का अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए।

6. व्रत वाले दिन जुआ नहीं खेलना चाहिए।

7. इस व्रत में नमक, तेल और अन्न का सेवन वर्जित माना गया है।

8. एकादशी के दिन क्रोध का त्याग करना चाहिए।

9. एकादशी के दिन पान खाना, दातुन करना, दूसरे की निंदा तथा चुगली नहीं करनी चाहिए।

10.तिल को पैर में न आने दें

 
क्या करें

फलाहार और भोजन में तिल का सेवन करें

तिल से श्रीहरि की पूजा करें ,

तिल से हवन करें,

तिल का प्रसाद चढ़ाएं,

स्नान के पानी में तिल मिलाएं

तिल का दान करें

तिल का तर्पण करें