ग्रीन टी पीने के कई फ़ायदे हैं, पर इसे पीना कैसे है और किसे इसका सेवन नहीं करना है यह बहुत कम लोग जानते हैं। कुछ लोग दूध की चाय पीने के शौक़ीन होते हैं, तो कुछ सेहत को ध्यान में रखते हुए ग्रीन टी पीना पसंद करते हैं। ग्रीन टी अनप्रोसेस्ड होती है इसलिए सेहत के लिए फ़ायदेमंद भी है। ये वज़न घटाने में मदद करती है, शरीर में जमे फैट  को कम करती है और मेटाबॉलिज़्म को बढ़ाने के लिए भी फ़ायदेमंद है। इसके जितने फ़ायदे हैं, उतने ही कहीं ना कहीं नुक़सान भी हैं, जो आपकी सेहत और चाय पीने के तरीक़े पर भी निर्भर करता है। ऐसे में इसके बारे में जानकारी होना भी ज़रूरी है।

दमकती त्वचा- अगर आप त्वचा संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं या फिर व्यस्त जीवन और प्रदूषण की वजह से त्वचा संबंधी समस्याओं से परेशान हैं, तो ग्रीन-टी पिएं। इसमें कैलेंडुला और गुलाब की पंखुड़ियां मिलाकर पीने से शरीर में कोलेजन सिंथेसिस की मात्रा बढ़ती है। इससे एडिमा, काले धब्बे और त्वचा की रंगत से जुड़ी समस्याएं कम हो सकती हैं, जिससे त्वचा को कुदरती चमक और निखार मिलता है। साथ ही त्वचा अधिक सेहतमंद नज़र आती है।

मानसिक सेहत में सुधार- आज के समय ज़्यादातर लोगों को मानसिक तनाव के कारण बार-बार होने वाले सिरदर्द, माइग्रेन, थकान और नींद में अनियमितता की शिकायत रहती है। ग्रीन टी इस तनाव को दूर करने में मददग़ार है। एक कप ग्रीन-टी में कैमोमाइल, वेलेरियन रूट और लैवेंडर जैसे सुपरफूड मिलाकर पिएं। इससे मानसिक चिंता व तनाव को कम करने मदद मिलेगी। रात में नींद आरामदायक और गहरी आएगी। कैमोमाइल, वेलेरियन रूट और लैवेंडर को ग्रीन टी में मिला सकते हैं या ग्रीन टी में मिली हुई चाय ख़रीद भी सकते हैं।

रोग-प्रतिरोधक क्षमता मज़बूत बनाए- बच्चों से लेकर बुज़ुर्गों तक सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए उनकी अंदरूनी ताक़त ही अच्छी सेहत का सबसे बड़ा पैमाना है, जिसका सीधा संबंध मज़बूत रोग-प्रतिरोधक क्षमता से है। ग्रीन-टी में आंवला, तुलसी, हल्दी, गिलोय और स्पिरुलिना जैसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों को मिलाकर उसका सेवन करना बेहद फ़ायदेमंद है।

ग्रीन टी में दूध और शक्कर मिलाकर पी सकते हैं। पर दूध में मौजूद प्रोटीन ग्रीन टी के लाभकारी पौधों के यौगिकों (फ्लेवोनॉइड्स) के साथ जुड़ जाता है जिससे शरीर के लिए फ्लेवोनॉइड को अवशोषित करना कठिन हो जाता है। यह वज़न घटाने के लिए शरीर की क्षमता में बाधा डालता है। हालांकि ग्रीन टी में दूध और शक्कर मिलाकर पी सकते हैं बशर्ते लैक्टोज़ असहिष्णु न हों तो।

ग्रीन टी कब नहीं पीना है

1. गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को ग्रीन टी नहीं पीनी चाहिए।
2. 2 साल से कम उम्र के बच्चों को बिल्कुल नहीं दें।
3. जिन्हें गुर्दे की बीमारी, हृदय रोग और पेट के अल्सर की समस्या है उन्हें भी दूर रहना है। मनोवैज्ञानिक समस्याओं वालों को भी ग्रीन टी लेने से बचना चाहिए। ग्लूकोमा, लिवर की बीमारी, ऑस्टियोपोरोसिस, एनीमिया और मधुमेह पीड़ितों को इससे बचना चाहिए।
इसे सुबह खाली पेट ना पिएं। दिन में केवल एक ही बार पिएं।

एलर्जी भी पहचानें

1. यदि आपको ग्रीन टी से एलर्जी है, तो आपको चाय पीते ही मुंह में झुनझुनी या खुजली की अनुभूति होगी।
2. होंठ, गले, जीभ या चेहरे पर सूजन हो सकती है।
3. अगर ग्रीन टी पीने के बाद पेट ख़राब होता है, तो हो सकता है कि आप इसे खाली पेट पी रहे हों।
4. दो-तीन कप से अधिक ग्रीन टी पीने से डिहाइड्रेशन हो सकता है। ज़्यादा ग्रीन टी पीने से अधिक पेशाब जाना पड़ सकता है, जिससे पानी की कमी हो सकती है।
5. त्वचा में खुजली, गले में सूखापन या उल्टी महसूस हो सकती है।