नई दिल्ली । दिल्ली हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए उसे खारिज कर दिया। 
हाईकोर्ट की खंडपीठ का कहना था, निजी स्कूल की कक्षाओं में यदि एसी लगा हुआ है। तो इसका खर्च अभिभावकों को ही वहन करना पड़ेगा। जिस तरह से स्कूल लेब फीस और अन्य सुविधाओं के लिए अलग शुल्क वसूल करती है। इस तरह से एसी शुल्क भी स्कूल प्रबंधन वसूल कर सकता है। यह व्यवस्था देते हुए याचिका को खारिज कर दिया है। निजी स्कूल प्रति छात्र ₹2000 प्रतिमाह एयर कंडीशनिंग शुल्क वसूल करता है। हाईकोर्ट का मानना था, कि एयर कंडीशनिंग के खर्च का वित्तीय बोझ स्कूल पर नहीं डाला जा सकता है। 
एक साथ तीन सीटों से चुनाव लड़ा था अटल बिहारी और एनटी रामा राव ने
नई दिल्ली ईएमएस पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने 1957 के आम चुनाव में तीन सीटों से एक साथ चुनाव लड़ा था। वह जनसंघ की टिकट पर लखनऊ, मथुरा, और बलरामपुर सीट से चुनाव लड़े थे। लखनऊ और मथुरा सीट से वह पराजित हुए। बलरामपुर सीट से होने पहली बार चुनाव जीतकर संसद पहुंचे  थे। 
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी 1977 का लोकसभा चुनाव हार गई थी। आपातकाल के बाद हुए इस चुनाव में उनकी यह पहली पराजय थी। उसके बाद उन्होंने 1980 का लोक सभा चुनाव दो सीटों से लड़ा। उत्तर प्रदेश की रायबरेली और आंध्र की मेंढक संसदीय क्षेत्र से उन्होंने चुनाव लड़ा था। जो इस समय तेलंगाना राज्य में स्थित है। दोनों सीटों में 1980 के चुनाव में इंदिरा गांधी को जीत हासिल हुई। उन्होंने मेंढक की सीट छोड़ दी थी। 
तेलुगु देशम पार्टी के संस्थापक एनटी रामाराव 1985 के विधानसभा चुनाव में गुडीवड़ा, हिदूपुर और नलगोंडा सीट से चुनाव लड़े थे। तीनों सीटों पर उन्होंने चुनाव जीता था। हिदूपुर सीट को उन्होंने बरकरार रखा। बाकी दो सीटों से उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। उस समय वह आंध्र प्रदेश के सबसे लोकप्रिय नेता थे। तीन सीटों पर चुनाव लड़कर उन्होंने यह संदेश दिया था। वह पूरे राज्य में एक समान लोकप्रिय हैं। 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 2014 का लोकसभा चुनाव दो सीटों से लड़ा था। उन्होंने बड़ोदरा और बनारस से चुनाव लड़ा। दोनों ही सीटों पर उन्हें जीत हासिल हुई। इसके बाद उन्होंने बड़ोदरा की सीट को छोड़कर बनारस की सीट को अपने पास रखा। 
राहुल गांधी ने 2019 का लोकसभा चुनाव अमेठी और वायनाड से लड़ा था। अमेठी से स्मृति ईरानी से राहुल गांधी चुनाव हार गए थे। वायनाड से चुनाव जीत गए थे। इस बार राहुल गांधी फिर दो सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं। वायनाड और रायबरेली से 2024 का चुनाव लड़ रहे हैं। 
1996 में पहली बार कितनी सीटों से चुनाव लड़ा जा सकता है। इस पर चर्चा शुरू हुई। 1996 में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 में संशोधन किया गया। उसमें संशोधन किया गया, अधिकतम दो सीटों पर ही चुनाव, कोई प्रत्याशी लड़ सकता है। 2 से अधिक सीटों पर नहीं लड़ सकता है। 1996 के बाद से अधिकतम केवल दो सीटों पर ही चुनाव लड़ने की पात्रता है।