गोरखपुर हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) का खाद कारखाना अगले महीने फरवरी के दूसरे सप्ताह से शुरू हो जाएगा। अफसरों का अनुमान है कि मार्च तक पूरी क्षमता से कारखाना में उत्पादन होने लगेगा। खाद कारखाने में रोजाना 3850 टन नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन होगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सात दिसंबर को खाद कारखाना का शुभारंभ किया था। तब पांच सौ टन यूरिया बनाकर मशीनों की सफाई के लिए खाद कारखाना को बंद कर दिया गया था। खाद कारखाना में मशीनों की सफाई के लिए कम से कम 45 दिनों का समय लिया गया था। अब सफाई का काम तकरीबन पूरा हो चुका है।

खाद कारखाना शुरू होगा तो यह न्यूनतम 60 फीसद क्षमता पर चलाया जाएगा। यानी शुरुआत में ही रोजाना दो हजार टन से ज्यादा नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन होगा। धीरे-धीरे रोजाना 3850 टन यूरिया का उत्पादन शुरू हो जाएगा। एक बार यूरिया का उत्पादन शुरू होगा तो मशीन बंद नहीं की जाएगी। यानी दिन-रात यूरिया बनती रहेगी।

खाद कारखाना में अमोनिया गैस प्रीलिंग टावर में भेजी जाएगी। यहां पानी की मदद से यूरिया बनाई जाएगी। यूरिया प्रीलिंग टावर से नीचे आएगी तो मशीन से इस पर नीम के तेल का छिड़काव किया जाएगा। नीम का तेल यूरिया के दानों पर गिरता जाएगा। इसी तरह यूरिया पैकिंग प्लांट में चली जाएगी। पैकिंग प्लांट को पूरी तरह आटोमेटिक बनाया गया है। यहां बोरों में यूरिया पैक होकर रेल की बोगियों में रखी जाएगी। यदि ट्रक से यूरिया भेजी जानी है तो मशीनों की सहायता से बोरों को ट्रक में रखा जाएगा।