लखनऊ  । उत्तर प्रदेश में योगी सरकार प्रशासनिक अधिकारियों के भ्रष्टाचार को लेकर भी काफी सख्त है। यहां मुरादाबाद के उप-जिलाधिकारी (एसडीएम) घनश्याम वर्मा ऐसे ही मामले में निलंबित कर दिया गया है। क्योंकि उन पर लगे आरोप जांच के दौरान सही साबित हुए। जिसके बाद खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई करते हुए घनश्याम वर्मा को निलंबित कर दिया गया।
मुरादाबाद के संभाग आयुक्त आंजनेय कुमार सिंह के माध्यम से जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह द्वारा जांच रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी द्वारा वर्मा के लिए निलंबन आदेश जारी किया गया था। घनश्याम वर्मा को 17 जुलाई को उप-जिलाधिकारी के पद से हटा दिया गया था और मंगलवार की देर शाम निलंबित किया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, निलंबन आदेश में कहा गया कि उप-जिलाधिकारी घनश्याम वर्मा के कार्यों ने सरकार की छवि को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है और उन्हें लखनऊ में राज्य मुख्यालय से जोड़ा जाएगा। आगे की जांच बरेली के संभाग आयुक्त द्वारा की जाएगी।
मुरादाबाद जिले के बिलारी निवासी एक कारोबारी ने आरोप लगाया था कि फर्नीचर का बकाया 2 लाख 67 हजार रुपए मांगने पर उप-जिलाधिकारी ने उसके घर पर बुलडोजर चलवा दिया है। संभाग आयुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने बताया था कि मेरे पास 11 जुलाई को शिकायत आई थी और इसमें मैंने जिलाधिकारी को निर्देश दिया है कि घटना की जांच करके मुझे सूचित करें। जिलाधिकारी को यह भी स्पष्ट किया गया है कि जांच एडीएम (अपर जिलाधिकारी) स्‍तर के अधिकारी से कराया जाए। कारोबारी जाहिद अहमद ने कहा कि फर्नीचर के लिए लंबित भुगतान के अलावा मेरे घर को पहुंचाई गई क्षति की वजह से मुझे बड़ा नुकसान हुआ है। इसे कौन वहन करेगा? हालांकि उप-जिलाधिकारी के निलंबन को लेकर कारोबारी ने कहा कि आज मुझे राहत मिली है।