चेन्नई. 21 मई 1991 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में हत्‍या हुई थी और 11 जून 1991 को पेरारिवलन को गिरफ्तार किया गया था. देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोषियों में से एक ए. जी. पेरारिवलन की रिहाई वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगा हत्‍याकांड में बम धमाके के लिए उपयोग में आई दो 9 वोल्‍ट की बैटरी खरीद कर मास्‍टरमाइंड शिवरासन को देने का दोष पेरारिवलन पर सिद्ध हुआ था. पेरारिवलन घटना के समय 19 साल का था और वह पिछले 31 सालों से सलाखों के पीछे है.
अगर फैसला पेरारिवलन पक्ष में आता है तो नलिनी श्रीहरन, मरुगन, एक श्रीलंकाई नागरिक सहित मामले में अन्य 6 दोषियों की रिहाई की उम्मीद भी जग जाएगी. गौरतलब है कि पेरारिवलन को 1998 में टाडा अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी. साल 1999 में सुप्रीम कोर्ट ने सजा को बरकरार रखा, लेकिन 2014 में इसे आजीवन कारावास में बदल दिया गया. इस साल मार्च में उच्चतम न्यायालय ने पेरारिवलन को जमानत दे दी थी. इसके तुरंत बाद, उसने जेल से जल्द रिहाई की मांग की थी. लेकिन केंद्र सरकार ने उसकी याचिका का विरोध करते हुए अदालत में कहा था कि तमिलनाडु के राज्यपाल ने मामले को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेज दिया है, जिन्होंने अभी तक इस पर फैसला नहीं किया है.