मथुरा। वृन्दावन के भगवान बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी के दिन मंगला आरती के दौरान भीड़ में मची भगदड़ से 2 श्रद्धालुओं की मौत के बाद अब शासन की नींद खुली है। शासन ने मामले की जांच के लिए सुबह दो सदस्यीय समिति का गठन किया, शाम को मंत्री चौ लक्ष्मी नारायण बांके बिहारी मंदिर पहुंचे और मंदिर के गोस्वामियों से बातचीत की। उन्होंने ऐलान किया कि मथुरा में काशी से बड़ा बांके बिहारी का कॉरिडोर बनेगा। उन्होंने बताया कि पिछले दो कैबिनेट मीटिंग में बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर मुद्दे पर सीएम से चर्चा हो चुकी है।
 उन्होंने ने कहा कि इस घटना की तह में जाने के बाद सारे मामले की रिपोर्ट मुख्यमंत्री के समक्ष रखेंगे। साथ ही भविष्य में इस तरह की घटना न हो उसके सारे प्रबंध भी किए जा रहे हैं। जिसके लिए जिला प्रशासन, गोस्वामी समाज व मंदिर प्रबंधन से सुझाव लिए जायेंगे। हादसे के वक्त मेडिकल व एंबुलेंस न होने के सवाल पर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि आप सब जानते हैं कि इतिहास में अभी तक जन्माष्टमी के मौके पर कभी इतनी भीड़ नहीं आई। इस बार 50 लाख से अधिक श्रद्धालु ब्रजवास पर रहे। उन्होने कहा कि आप भी जानते हैं कि बिहारी जी के आसपास की गलियां इतनी सकरी हैं कि भीड़ होने पर बाइक भी निकलना मुश्किल है। एंबुलेंस तो दूर की चीज है। उन्होंने इतना जरूर कहा कि जांच में जिसकी भी कमी पाई जायेगी उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
  भीड़ के चलते हुए हादसे के बाद उठ रहे कॉरिडोर की मांग पर मंत्री लक्ष्मी नारायण ने कहा कि पिछले दो केबिनेट बैठकों में मुख्यमंत्री जी से यहां पर विशाल कॉरिडोर बनाए जाने पर चर्चा हो चुकी है। उन्होंने बताया कि यहां से जमुना जी तक विशाल कॉरिडोर का निर्माण कराया जाएगा। यह कॉरिडोर बाबा विश्वनाथ से भी बड़ा होगा, जिसमें एक बार में 60 से 70 हजार श्रद्धालु एक बार में दर्शन कर सकेंगे। जानकरी के मुताबिक इस कॉरिडोर के निर्माण में 250 करोड़ से अधिक की लागत आएगी। जानकारी के मुताबिक इसका खर्च बांके बिहारी ट्रस्ट ही वहन करेगा।