रामपुर । उत्‍तर प्रदेश की रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव पर इन दिनों सबकी नजरें टिकी हैं। यह नए प्रयोगों का चुनाव है। इस उपचुनाव की प्रयोगशाला से निकले नतीजें 2024 के रण का रोडमैप तय करेंगे। दरअसल, यह चुनाव महज जातीय गुणा-गणित तक सीमित नहीं है, इसलिए नतीजें चौंकाने वाले भी हो सकते हैं। सपा की मुश्किलें यहां बसपा प्रमुख मायावती ने भी बढ़ाई हैं। शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली के मैदान में रहने से सपा के सामने माय समीकरण को साधे रखने की चुनौती है। उधर, भाजपा ने फिर दिनेश यादव निरहुआ के जरिए सपा के मूल वोट बैंक में सेंधमारी का प्रयोग किया है। भाजपा, बसपा के इन प्रयोगों की सफलता का फैसला भी चुनाव परिणामों से ही होगा। रामपुर की बात करें तो शायद यह पहला मौका है जब कांग्रेस का सबसे बड़ा स्थानीय चेहरा बिना पार्टी छोड़े पूरे चुनाव में भाजपा के साथ रहा। अब देखना यह है कि पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां द्वारा मुस्लिमों से आजम और सपा को नकारने के लिए खुले तौर पर की गई अपील कितनी कारगर रहती है। बसपा ने यहां प्रत्याशी न उतारकर लड़ाई को सीधे सपा-भाजपा के बीच समेट दिया है। यही कारण है कि हालात को भांप रहे आजम खां सेहतमंद न होते हुए भी पूरे समय गढ़ बचाने को फिक्रमंद दिखाई दिए। हालांकि आजम के खुद मैदान में न होने और पसमांदा मुस्लिमों के बीच भाजपा और संघ के लगातार सक्रिय रहने का असर भी देखने को मिल सकता है। इसी रणनीति के तहत भाजपा ने पसमांदा समाज से आने वाले दानिश आजाद को योगी मंत्रिमंडल में जगह भी दी है। उत्‍तर प्रदेश की आजमगढ़ व रामपुर लोकसभा की रिक्त चल रही सीटों पर हो रहे उपचुनाव में गुरुवार 23 जून को मतदान होगा। मतदान सुबह सात बजे शुरू होगा और शाम छह बजे तक मतदान केन्द्र परिसर में जितने भी लोग पंक्ति में लगे होंगे, उन्हें वोट देने का अधिकार होगा। केन्द्रीय चुनाव आयोग के निर्देश पर दोनों सीटों पर निष्पक्ष मतदान सम्पन्न करवाने के लिए समुचित तैयारी कर ली गई है। पर्याप्त मात्रा में केंद्रीय सशस्त्रत्त् सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को ट्वीट कर उप चुनाव में सबसे अवश्य मतदान की अपील की है।