आगरा के बाह और पिनाहट क्षेत्र में चंबल का पानी उतर रहा है तो बाढ़ से प्रभावित गांवों में तबाही के निशान साफ नजर आ रहे हैं। खेत-खलिहान उजड़ गए हैं। बाढ़ में डूबे कच्चे मकान ढूंढे नहीं मिल रहे। कई परिवारों से छत छिन गई है। पिछले 24 घंटे में चंबल खतरे के निशान से नीचे उतर आई है। जलस्तर आठ मीटर घटकर 124 मीटर रह गया है, फिर भी 10 गांवों का संपर्क दोबारा नहीं जुड़ सका है। 18 गांवों में पांच दिन से बिजली नहीं है।बाढ़ प्रभावित इलाकों में रास्ते कीचड़ व दलदल में बदल गए हैं। गुढ़ा, रानीपुरा, भटपुरा, मऊ की मढै़या, झरनापुरा, रेहा, डगोरा, कछियारा के रास्ते पर पानी और गोहरा, भगवानपुरा गांवों में रास्तों पर कीचड़ भरा है। पांचवें दिन भी इन गांवों का मुख्यालय से संपर्क टूटा रहा। बाढ़ में घर खेत डूबने पर 20 गांवों के पांच हजार से अधिक लोग अभी बीहड़ के टीलों पर शरण लिए हुए हैं।