भोपाल । मध्यप्रदेश से मानसून पूरी तरह विदा हो गया है। मौसम विभाग ने सोमवार को इसकी आधिकारिक घोषणा भी कर दी। 5 साल में ऐसा पहली बार हुआ, जब मानसून जल्दी लौटा हो। इस बार सामान्य से सिर्फ आधा इंच बारिश कम हुई है। 46 जिले ऐसे हैं, जहां 80 प्रतिशत से 148 प्रतिशत तक बारिश हुई है। इस बार इंदौर, खरगोन, बुरहानपुर, देवास, झाबुआ, रतलाम, नरसिंहपुर, सिवनी और भिंड ऐसे जिले हैं, जहां पर 120 प्रतिशत से अधिक बारिश हुई है।
प्रदेश में 24 जून को मानसून की एंट्री हुई थी। जून में अच्छी बारिश हुई थी, लेकिन जुलाई और अगस्त में आंकड़ा माइनस में रहा था। सितंबर में 70 प्रतिशत  अधिक बारिश हो गई थी। इससे सामान्य बारिश का आंकड़ा बराबरी पर आ गया। हालांकि, 6 जिले ऐसे रहे, जहां 80 प्रतिशत से कम बारिश हुई। जिससे यह रेड जोन की कैटेगरी में आ गए।
इस साल ऐसा रहा मानसून का दौर
इस बार मानसून ने कई उतार-चढ़ाव देखे। अगस्त में 40 प्रतिशत तक कम बारिश हो गई। इससे प्रदेश में सूखे जैसी तस्वीर सामने आ गई। मंदिरों में प्रार्थनाओं का दौर भी शुरू हो गया। सितंबर के पहले सप्ताह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महाकाल मंदिर उज्जैन में विशेष अनुष्ठान तक कर दिया। आखिरकार सिस्टम एक्टिव हुआ, जिसने प्रदेश को सूखे से बाहर निकाल दिया। सीनियर मौसम वैज्ञानिक एसएच पांडे ने बताया कि जून में विपरजॉय के असर से प्रदेश में अच्छी बारिश हो गई। इस महीने सामान्य से 14 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई, लेकिन जुलाई में यह आंकड़ा 2 प्रतिशत कम हो गया, जबकि जुलाई में तेज बारिश होने का पैटर्न रहता है। अगस्त में भी तेज बारिश होती है, लेकिन इस महीने 3 बार मानसून ब्रेक रहा। इससे प्रदेश में 40 प्रतिशत तक बारिश कम हुई।
सितंबर में मानसून विदाई लेता है, लेकिन 2 दौर ऐसे आए कि प्रदेश को सूखे से बाहर निकाल दिया। सामान्य से 70 प्रतिशत बारिश ज्यादा होने से प्रदेश में डैम, तालाब ओवरफ्लो हो गए और नदियां उफान पर आ गईं। सिस्टम ने पूरे प्रदेश को भिगो दिया।
9 जिलों में 120 प्रतिशत से ज्यादा बारिश
मौसम विभाग के अनुसार, कम-ज्यादा बारिश की 3 कैटेगरी हैं। इनमें 6 जिले ऐसे रहे, जहां 80 प्रतिशत से कम बारिश हुई। इस कारण यह जिले रेड जोन में आ गए। इनमें गुना, अशोक नगर, दमोह, सतना, रीवा और सीधी शामिल हैं। 9 जिलों में 120 प्रतिशत या इससे अधिक बारिश हुई। इनमें इंदौर, खरगोन, बुरहानपुर, देवास, झाबुआ, रतलाम, नरसिंहपुर, सिवनी और भिंड जिले शामिल हैं। भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन समेत प्रदेश के 37 जिलों में 80 प्रतिशत से लेकर 120 प्रतिशत तक बारिश हुई। मौसम विभाग सामान्य से 20 प्रतिशत कम/ज्यादा बारिश को सामान्य बारिश की कैटेगरी में ही रखता है।