नई दिल्ली । दिल्ली में ब्लैक स्पॉट सुधार कार्यक्रम के तहत दिल्ली यातायात पुलिस इंजीनियिरंग के उपायों का इस्तेमाल कर दुर्घटनाओं और उनमें होने वाली मौतों की संख्या खत्म करने की दिशा में प्रयास कर रही है। इसके साथ ही सड़क स्वामित्व वाली एजेंसियों के साथ मिलकर ब्लैक स्पॉट सुधार को प्राथमिकता देने की दिशा में इंजीनियरिंग उपायों पर काम किया जा रहा है। यातायात पुलिस ने दिल्ली में 20 ब्लैक स्पॉट चिह्नित किए हैं, जहां पर सड़कों के अंधे मोड़ सही किए जाएंगे। मकसद है कि सड़क हादसों को शून्य किया जाए। यातायात पुलिस के मुताबिक, सड़क संरचना में कमियों की वजह से बनने वाले दुघर्टना संभावित क्षेत्रों की पहचान कर दोष दूर करना आवश्यक है। इन कमियों को दूर करने के लिए उपयुक्त उपचारात्मक प्रयास बेहद जरूरी हैं। कई मामलों में ब्लैक स्पॉट को इंजीनियरिंग उपायों से ठीक किया जा सकता है। किसी ब्लैक स्पॉट को 500 मीटर लंबाई के सड़क खंड या एक जंक्शन के रूप में परिभाषित किया जाता है, जहां औसत वार्षिक कुल दुर्घटनाओं की तुलना में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या अधिक है। पिछले तीन वर्षों में दिल्ली यातायात पुलिस ने दुर्घटना डेटा का क्षेत्रीय विश्लेषण कर ब्लैक स्पॉट की पहचान की है। क्लस्टर विश्लेषण के माध्यम से दुर्घटनाओं की गंभीरता का मूल्यांकन किया। इस परीक्षण का उद्देश्य है कि ब्लैक स्पॉट जोखिमों के कारणों को इंगित करना और सुधार के लिए लक्षित समाधान प्रस्तावित करना।