नई दिल्ली। मानेसर घाटी  के दोनों तरफ अरावली पर्वत श्रृंखला के कारण रैपिड रेल को एग्रीकल्चरल लैंड पर दौड़ाने की योजना है। घाटी में कई जगह तीखा मोड़ है, जिस कारण रैपिड रेल को चलाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। वहीं इस दौरान इसकी रफ्तार को भी काफी धीमा रखना पड़ेगा। यही वजह है कि नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन लिमिटेड  ने अरावली पर्वत श्रृंखला खत्म होने के बाद एग्रीकल्चर लैंड से रैपिड रेल निकालने का फैसला किया है। एनसीआरटीसी के एक अधिकारी के मुताबिक रैपिड रेल के संचालन के लिए 80617 वर्ग मीटर निजी जमीन की आवश्यकता है, जबकि बिलासपुर चौक पर रैपिड रेल स्टेशन के लिए 12000 वर्ग मीटर जमीन की आवश्यकता पड़ेगी। एनसीआरटीसी ने हरियाणा सरकार के हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन  को इसकी जानकारी देते हुए जमीन को मुहैया करवाने का आग्रह किया है। रैपिड रेल की अलाइनमेंट में बदलाव होने के कारण अब  की तरफ से इसकी दोबारा  तैयार करवाई जा रही है। दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेसवे पर साइबर सिटी के शंकर चौक के पास उतर में   रेलवे स्टेशन बनाने की योजना है, जिसके लिए  को 9000 वर्ग मीटर हरित क्षेत्र की जरूरत पड़ेगी। रैपिड रेल दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेसवे पर बायीं तरफ चलेगी। यह मानेसर बस स्टॉप के पास नीचे उतरेगी और कुकरौला गांव के पास दोबारा एक्सप्रेसवे पर मिलेगी। दूसरी तरफ गाजियाबाद के साहिबाबाद में शुरू हुई रैपिड रेल के बाद अब जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को रैपिड रेल से जोड़ने की तैयारी तेज हो गई है। एनसीआरटीसी ने एयरपोर्ट को गाजियाबाद के बाद दिल्ली से जोड़ने के विकल्प पर सुझाव दिया है। इससे संबंधित फीजिबिलिटी रिपोर्ट की प्रस्तुतीकरण यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों के समक्ष की गई है।