नई दिल्ली । दिल्ली विधानसभा में आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विश्वास मत प्रस्ताव जीत लिया है। बहुमत होने के बावजूद भी केजरीवाल अपनी सरकार को लेकर विश्वास मत प्रस्ताव लेकर आए थे। यह प्रस्ताव ऐसे समय पर पेश किया गया है, जब ईडी की शिकायत पर केजरीवाल को अदालत में पेश होना है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आज दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में तलब किया गया है। यह दूसरी बार है जब केजरीवाल सरकार ने 70 सदस्यीय विधानसभा में विश्वास मत मांगा है। मौजूदा विधानसभा में आप के पास 62 विधायक हैं। आप सरकार लाए गए विश्वास प्रस्ताव को सीएम अरविंद केजरीवाल ने जीत लिया है। अरविंद केजरीवाल द्वारा यह विश्वास प्रस्ताव इसलिए लाया गया है ताकि विधानसभा में यह दिखाया जा सके कि उनका एक भी विधायक टूटा नहीं है और सभी आम आदमी पार्टी के साथ हैं। वहीं प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान केजरीवाल ने कहा कि, इस विश्वास मत की जरूरत इसलिए थी, क्योंकि भाजपा आप विधायकों को अपने पाले में शामिल करने की कोशिश कर रही है।मेरे पास दो एमएलए आए और बताया कि बीजेपी वालों ने कहा था कि आपके मुख्यमंत्री को हम कुछ दिन में गिरफ्तार कर लेंगे, हमने 21 विधायकों से बात कर ली है। उन्हें 25-25 करोड़ का ऑफर दिया है और उन्हें अपनी पार्टी से चुनाव लड़वा देंगे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के खिलाफ कई बार ऑपरेशन लोटस करने का प्रयास किया गया, लेकिन हर बार हमारे विधायकों ने मना कर दिया। विश्वास प्रस्ताव पेश करते हुए केजरीवाल ने कहा, भाजपा दावा करती है कि वो राम भक्त है, लेकिन उन्होंने हमारे अस्पतालों में गरीब लोगों को मिलने वाली दवाई रोक दी। सर्विस डिपार्टमेंट, ब्यूरोक्रेसी पर अपनी पकड़ के चलते भाजपा हमारा काम रोक रही है और फिर भी हम सरकार चला रहे हैं।