साइबर ठग निकला निजी बैंक का कर्मचारी
नई दिल्ली । गुरुग्राम की साइबर क्राइम पुलिस ने ऐसे दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो साइबर फ्रॉड गैंग को बैंक खाते मुहैया कराने का काम करते थे। पुलिस ने दोनों आरोपियों को जिला अदालत में पेश किया, जहां जिला अदालत ने उन्हें 4 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। साइबर क्राइम एसीपी प्रियांशु दीवान ने बताया की साइबर ठगों को बैंक खाते मुहैया कराने वाले यसबैंक के दो कर्मचारियों को गुरुग्राम साइबर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपियों को अदालत में पेश किया गया और पुलिस ने उन्हें चार दिन की पुलिस रिमांड पर लिया है। एसीपी प्रियांशु दीवान ने बताया की एक शख्स ने साइबर पुलिस स्टेशन ईस्ट में शिकायत दर्ज कराई है कि व्हाट्सएप के जरिए शेयर बाजार में निवेश के नाम पर उससे करीब 1.32 करोड़ रुपये की ठगी की गई है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया और पुलिस ने जांच शुरू कर दी। साइबर क्राइम एसीपी प्रियांशु दीवान ने बताया कि साइबर क्राइम ईस्ट पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर संदीप के नेतृत्व में एक टीम ने आखिरकार आरोपी को दिल्ली के रोहिणी से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान दिल्ली निवासी 32 वर्षीय दीपक और राजस्थान के भरतपुर निवासी 30 वर्षीय धर्मेंद्र के रूप में हुई। इस मामले में एक फर्जी खाताधारक प्रकाश को भी पुलिस ने पहले दिल्ली से गिरफ्तार किया था। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि वे यस बैंक के कर्मचारी हैं। धर्मेंद्र ने आरोपी प्रकाश के नाम पर एक बैंक खाता खोला था और दीपक ने उस बैंक खाते को किसी अन्य आरोपी को बेच दिया था। उन्हें बैंक खाता उपलब्ध कराने के लिए 1.60 लाख रुपये मिले थे, जिसे उन्होंने आपस में बांट लिया था। आरोपी से पूछताछ की जा रही है। पुलिस को आरोपी से रिमांड के दौरान और भी खुलासे होने की उम्मीद नजर आ रही है।