नई दिल्ली । राजधानी दिल्ली में 135 नर्सिंग होम रजिस्ट्रेशन से लेकर सुरक्षा मानकों का उल्लंघन कर रहे हैं। साथ ही बिना मंजूरी तीन गुना तक बेड बढ़ाए गए हैं। इसका खुलासा एंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) की रिपोर्ट से हुआ है। एसीबी ने अपनी अंतिम रिपोर्ट एलजी ऑफिस को सौंप दी है। दरअसल, 25 मई को विवेक विहार स्थित नवजात बच्चों के नर्सिंग होम में आग लग गई थी। इस हादसे में सात नवजात की मौत हो गई। जांच में इस नर्सिंग होम में नियमों के उल्लंघन की जानकारी मिली थी। इसके बाद एलजी ने एसीबी को इस बाबत जांच के निर्देश दिए थे। एसीबी ने दो चरणों में कुल 146 नर्सिंग होम की जांच की। इसमें 135 नर्सिंग होम ऐसे थे, जिसमें तमाम तरह की खामियां मिलीं।

यह खामियां नर्सिंग होम संचालकों से लेकर एमसीडी, दमकल और दिल्ली स्वास्थ्य सेवा से जुड़ी हैं। एसीबी की रिपोर्ट के अनुसार, 135 नर्सिंग होम में बिस्तर संबंधित नियमों का उल्लंघन किया था। जांच में रजिस्ट्रेशन में मिली अनुमति से तीन गुना अधिक बिस्तर मिले। अस्पताल के स्टाफ की तैनाती और सुरक्षा मानकों में भी कई खामी पाई गई। बता दें कि, दिल्ली पुलिस ने विवेक विहार में 25 मई को बेबी केयर न्यू बॉर्न अस्पताल नाम के एक निजी अस्पताल में आग लगने की घटना के संबंध में अदालत में जुलाई में 796 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया था।

इस आरोपपत्र में कहा गया था कि अस्पताल में आग से बचाव के सुरक्षा उपकरण नहीं थे और घटना पर कर्मचारियों ने भी तुरंत ऐक्शन नहीं लिया। आरोपपत्र में फॉरेंसिक रिपोर्ट के साथ 81 गवाहों के बयानों का हवाला दिया गया है। इस मामले में अस्पताल के मालिक नवीन खिची और घटना वाले दिन ड्यूटी पर तैनात एक बीएएमएस डॉक्टर आकाश को गिरफ्तार किया गया था।