रायपुर की पुलिस ने धातु की बड़ी चोरी के मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। ये इतने शातिर हैं कि स्टील इंडस्ट्री में इस्तेमाल होने वाले धातु की जगह पत्थर रंगकर माल की सप्लाई करते थे और असल धातु बेच दिया करते थे। मामला करोड़ों के घपले का है, पुलिस चोरी के माल का हिसाब लगा रही है। फिलहाल पकड़े गए युवकों के पास से 32 लाख का माल मिला है। ये सारा खेल सिल्को मैग्जीन की चोरी का है। विवेक अग्रवाल नाम शख्स ने इस मामले में उरला थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी। विवेक हीरा फेरो ऐलॉयश लिमि. और आलोक फेरो ऐलॉयश लिमि. के लिए ट्रांसपोर्टिंग का काम करता है। इसने दोनों कंपनियों से सिल्को मैगनीज़ भेजने का आर्डर मिला था। माल की डिलवरी हुई तो इसमें मिलावट की शिकायत मिली। विवेक को पता चला कि इसके लोकल ट्रांसपोर्टरों ने बड़ी चालाकी से सिल्को मैग्जीन की जगह पत्थर भेजे हैं।

इस मामले में एक ट्रक के मालिक हेमराज यादव और रवि वर्मा अपने ड्राइवर की मिलीभगत से इस काम को अंजाम दिया। धातु चुराकर इन बदमाशों ने दूसरे चोरी का माल खरीदने वालों से संपर्क किया और माल खपा दिया। पुलिस ने इस मामले में छानबीन करते हुए ट्रकों के ड्राइवर अशोक और मनोज को पकड़ा। दोनों ने बताया कि इनके मालिक संतोष गाउतुरे नाम के आदमी के साथ मिलकर ये काम करते थे। पुलिस संतोष तक पहुंची। यहां टीम को पता चला कि कई लोगों को चोरी का माल बेचा गया है। इस मामले में दुर्ग निवासी मोह. जासीफ, टाटीबंध रायपुर निवासी कुलवंत सिंह , राजा तालाब सिविल लाईन निवासी जमीरउद्दीन और न्यू राजेन्द्र नगर रायपुर निवासी अनुराग शर्मा को पकड़ा गया है। ट्रकों के दोनों मालिक फिलहाल फरार हैं। उनकी तलाश की जा रही है। इस रैकेट में शामिल लोगों के पास से कुल 18 टन सिलको मैग्जीन जब्त किया गया।