नई दिल्ली । हत्या और दुष्कर्म के मामले में आरोपित को नाबालिग ठहराने के लिए फर्जी शैक्षिक दस्तावेज बनाने का मामला सामने आया है। किशोर न्याय बोर्ड ने कानपुर के एक स्कूल के सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य और आरोपित के पिता के खिलाफ कोतवाली फेज-दो में मुकदमा दर्ज कराया है। किशोर न्यायिक बोर्ड के सदस्य अरुण कुमार गुप्ता द्वारा दर्ज कराई एफआइआर में बताया कि आरोपित अनिल कुमार ने मार्च 2016 में एक किशोरी के साथ रेप कर उसकी हत्या कर दी थी। घटना के बाद मामले में कोतवाली ईकोटेक-तीन में केस दर्ज हुआ। आरोपित की जन्मतिथि कानपुर के एक स्कूल की मार्कशीट में वर्ष 2000 की होने से किशोर न्यायिक बोर्ड में सुनवाई चल रही थी। मामले में छानबीन की तो पता चला कि आरोपी ने कक्षा एक से पांच तक की पढ़ाई कानपुर देहात के न्यू सरस्वती सर्वहित विद्यालय से की। यहां से प्राप्त मार्कशीट में आरोपी की जन्मतिथि वर्ष 2000 मिली। इसके बाद आरोपित के बारे में और छानबीन की गई तो उसकी 10वीं और 12वीं की मार्कशीट में जन्मतिथि 1997 मिली। बोर्ड की मार्कशीट ऑनलाइन भी निकाली गईं। यह सभी साक्ष्य किशोर न्यायिक बोर्ड में पेश किए गए। साक्ष्यों के आधार पर साबित हुआ कि आरोपित के पिता ने स्कूल प्रिंसिपल के साथ मिलकर आरोपित को नाबालिग साबित करने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार कराए हैं। इसके साथ ही बताया गया कि आरोपित ने कानपुर के स्कूल के अलावा कहीं और से पढ़ाई नहीं की है। कोर्ट के आदेश पर आरोपित अनिल कुमार के पिता और स्कूल प्रिंसिपल के खिलाफ केस दर्ज हुआ है।