उज्जैन ।   बीमा पालिसी में आइडी अपडेट करवाने के नाम पर शाजापुर के एक व्यक्ति से 40 लाख रुपये की ठगी हुई थी। राज्य सायबर सेल ने जांच के बाद दो आरोपितों को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। दोनों मनी ट्रांसफर पेमेंट पोर्टल संचालित करते थे। मुख्य आरोपित बिहार की जेल में बंद है। उसने फरियादी को फोन कर झांसा दिया था कि बीमा पालिसी के सारे लाभ एजेंट को मिल रहे हैं। पालिसी अपडेट करवाने पर ही लाभ मिल सकता है। करीब एक साल तक झांसा देकर करीब 40 लाख रुपये आनलाइन विभिन्न बैंक खातों में जमा करवा लिए थे। आरोपितों को कोर्ट ने चार दिन के पुलिस रिमांड पर सौंपा है।

पुलिस ने बताया कि रमेशचंद्र मेवाडा निवासी ग्राम इमलीखेडा जिला शाजापुर ने दिसंबर 2022 में राज्य साइबर सेल को शिकायत की थी कि उसके मोबाइल फोन पर एक अज्ञात व्यक्ति ने फोन कर कहा था कि वह एसबीआइ लाइफ इंश्योरेंस का अधिकारी बात कर रहा है। इसके बाद रमेशचंद्र को झांसा दिया कि उसकी अलग अलग इंश्योरेंस पालिसी में एजेंट की आईडी डली हुई है। जिससे पालिसी से होने वाले सारे लाभ एजेंट को प्राप्त हो रहे हैं।

40 लाख रुपये की राशि जमा करा दी

फोन करने वाले ने रमेशचंद्र को बताया कि इंश्योरेंस पालिसी में अपडेट करवाने के लिए टैक्स व अन्य शुल्क जमा करना होगा। इसके बाद ही पालिसी की राशि व अन्य लाभ मिलेंगे। रमेशचंद्र ठग की बातों में आ गया और जनवरी 2022 से लेकर दिसंबर 2022 तक लगभग 40 लाख रुपये की राशि जमा कर दी। इसके बाद भी राशि बैंक खाते में नहीं आई तो उसने इंश्योरेंस प्रोवाइडर कार्यालय में जानकारी निकाली तो पता चला कि उसके साथ ठगी हुई है।

जांच के दौरान आए डिजिटल तथ्य व अन्य तकनीकी जानकारी के आधार निरीक्षक आरडी कानवा, एसआइ हिमांशु चौहान, एएसआइ हरेन्द्रपाल सिंह राठौर दिल्ली रवाना हुए थे। तीन दिन तक लगातार रोहिणी, समयपुर बादली, शाहबाद डेयरी व दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में आरोपितों की तलाश की गई थी। जिसके बाद पुलिस ने दिल्ली से मनी ट्रांसफर पोर्टल चलाने वाले मर्चेंट राजेश कुमार राय निवासी जेजे कैंप, बादली नई दिल्ली तथा डिस्ट्रीब्युटर रवि कुमार निवासी शाहबाद डेयरी को गिरफ्तार किया है।

फर्जी इंश्योरेंस कार्यालय खोला

आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि ठगी करने वाला मुख्य आरोपित आकाश चांदवानी निवासी दिल्ली ठगी के ही एक मामले में बिहार की पटना जेल में बंद है। आकाश ही फर्जी इंश्योरेंस कार्यालय खोलता और काल सेंटर के माध्यम से लोगों को फोन करवाकर ठगी कर बैंक खातों में रुपये जमा करवाता था।

ठगी के रुपये फर्जी बैंक खातों के अलावा आनलाइन मनी ट्रांसफर पोर्टल चलाने वाले मर्चेंट राजेश व डिस्ट्रीब्युटर रवि कुमार के माध्यम से पोर्टल खाते में जमा करवाकर नकद निकालकर बांट लेता था। पुलिस द्वारा बैंक खाते फ्रीज करवाने पर दूसरे कियोस्क के मर्चेन्ट को अधिक राशि देकर रुपये निकालता था।

यह रखें सावधानी

- कभी किसी भी अनजान कालर पर विश्वास नहीं करें।

- बीमा पालिसी अथवा लोन के लिए नजदीकी शाखा में जाकर संपर्क करें।

- अज्ञात कालर की बात विश्वास कर किसी भी बैंक खाते में रुपया जमा नहीं करें।

- रिमोट एप जैसे टीम व्यूवर, एनीडेस्क, क्विक सर्पोट किसी के कहने पर इंस्टाल नहीं करें।

- फोन काल पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा दिए जा रहे निर्देशों का पालन ना करें।

- इसका हमेशा ध्यान रखें कि क्यूआर कोड स्कैन करने से बैंक खाते से रुपये निकलते हैं।

- अपनी कोई भी व्यक्तिगत जानकारी इंटरनेट मीडिया पर शेयर ना करें।