देवास ।   मध्‍य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में डा. मोहन यादव का नाम आने के बाद उनके साथ अभाविप से लेकर भाजपा तक में काम करने वाले कार्यकर्ता खुश हुए और संगठन के प्रति आभार जताया। परिषद के समय से उनके साथ जुड़े रहे कार्यकर्ताओं ने पुराने संस्मरण साझा किए। अभाविप के समय से मोहन यादव के साथ रहे देवास के इतिहासकर व वरिष्ठ नेता दिलीप सिंह जाधव ने बताया कि मोहन यादव जुझारू और जीवट कार्यकर्ता हैं। वे उस समय उज्जैन में अभाविप का काम संभालते थे, जब कार्यकर्ता नहीं मिलते थे। तब यादव समाज कांग्रेस के साथ हुआ करता था और मोहन जी ने अभाविप से जुड़कर दायित्व निभाया। शालिगराम तोमर तब अभाविप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री थे। उन्होंने ही मोहन जी को गढ़ा और आगे बढ़ाया। शालिगराम जी शक्ति पसंद थे, इसलिए उनकी पहली पसंद के रूप में मोहन जी और मैं था। कई ऐसे प्रसंग आए, जहां कठोरता से पेश आना पड़ता था। अभाविप के समय से ही मोहन जी संगठन कुशल रहे हैं।

मोहन यादव के लिए लड़की भी शालिगराम जी ने देखी थी। वे रीवा गए और लड़की पसंद की। हम दोनों के विवाह में हमारे गुरु की भूमिका रही। शालिगराम जी के अस्वस्थ होने पर हम दोनों की ड्यूटी लगती थी। 15 दिन के लिए मोहन जी सेवा करने जाते थे। देवास में भी अभाविप के समय मोहन जी का आना-जाना था। अभ्यास वर्ग सहित आंदोलनों में वे आते रहे हैं। देवास के स्व. तुकोजीराव पवार जब मप्र सरकार में पर्यटन मंत्री थे, तब यादव पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष थे। तब मप्र को अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। केपी कालेज में जनभागीदारी समिति अध्यक्ष मनीष पारीक ने बताया कि कालेज में निर्माण कार्यों के भूमिपूजन में पुराने कार्यकर्ताओं के साथ यादव आए थे। मप्र में नई शिक्षा नीति के श्रेय यादव को जाता है। चित्रकूट स्थित नानाजी देशमुख दीनदयाल शोध संस्थान में उनका प्रवास होता रहता है।

छात्र सम्मेलन में आए थे देवास

भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव खंडेलवाल ने बताया कि जब मोहन यादव अभाविप के राष्ट्रीय मंत्री थे, तब मैं अभाविप जिला संयोजक था। मल्हार स्मृति मंदिर के छात्र सम्मेलन को संबोधित करने वे आए थे। वे साधारण कार्यकर्ता हैं और संघ विचार के साथ भाजपा की विचारधारा को आगे बढ़ाने में जुटे रहते हैं। शालिगराम तोमर ने उन्हें गढ़ा और आज एक साधारण कार्यकर्ता मप्र का मुख्यमंत्री बना।