शहर में हो रहे अग्नि हादसों के बाद प्रशासन ने शहर में फायर सेफ्टी की जांच शुरू कर दी, लेकिन जहां मतदान सामग्री का वितरण होना है और ईवीएम का स्ट्रांग रुम बना है, उस नेह है।स्टेडियम में ही अग्नि सुरक्षा के प्रबंध नहीं है। सोमवार को निर्वाचन कार्यालय से ईवीएम नेहरु स्टेडियम में रखी गई,लेकिन वहां फायर सेफ्टी नहीं थी।

मतदान के एक दिन पहले हर चुनाव में स्टेडियम से ही पोलिंग पार्टियों को मतदान सामग्री का वितरण होता है और फिर ईवीएम स्ट्रांग रुम मेें रखी जाती है। स्ट्रांग रुम में आग न लगे, इसलिए उसका बिजली कनेक्शन भी काट दिया जाता है, लेकिन अभी तक स्टेडियम में फायर सेफ्टी का ध्यान नहीं रखा गया।

स्ट्रांग रुम के अलावा स्टेडियम के सोलह कक्षों में निर्वाचन से जुड़ी गतिविधियां संचालित होती है। अभी स्टेडियम में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है। अफसरों का कहना है कि मतदान में अभी समय है। उससे पहले अग्नि सुरक्षा के इंतजाम स्टेडियम में हो जाएंगे।

आठ संस्थानों को प्रशासन कर चुका है सील

फायर सेफ्टी के पर्याप्त इंतजाम नहीं होने पर प्रशासन इंदौर में आठ संस्थान सील कर चुका है। इनमें होटल, पब, रेस्तरां, इलेक्ट्रानिक शोरुम शामिल हैै। अफसर लगातार बिल्डिंगों की जांच कर रहे है। आने वाले दिनों में अन्य बिल्डिंगों को भी सील किया जाएगा। आपको बता दे कि इंदौर की 12 मंजिला इंडस्ट्री हाउस हाईराइज में डेढ़ माह पहले अाग लग गई थी। बिल्डिंग मेें तब 70 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला गया था। इसके अलावा एक अेापन रेस्तरां में भी आग लग चुकी है।

आईडीए बिल्डिंग में लग चुकी है आग

इंदौर के सरकारी भवनों में भी फायर सेफ्टी दिखावे की है। इंदौर की आईडीए बिल्डिंग में दो बार आग लग चुकी है। वहां फायर सेफ्टी सिस्टम भी लगा है, इसके बावजूद आग पर जल्दी काबू नहीं पाया जा सका था। संभाग के सबसे बड़े एमवाय अस्पताल में भी चार साल पहले बच्चों के वार्ड में आग लग गई थी।

प्रशासन ने शहर मेें जांच अभियान चलाने से पहले सरकारी भवनों में भी फायर सेफ्टी के इंतजाम करने को कहा था। इसका असर नगर निगम, हाऊसिंग बोर्ड व अन्य भवनों में नजर आ रहा है। वहां जरुर नए अग्नि सुरक्षा उपकरण लगे हुए है।