लाखों फ्रीलांसर, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, प्रोफेसर के लिए एक परेशान करने वाली खबर है। अतिथि के रूप में व्याख्यान यानी गेस्ट लेक्चर से हुई कमाई पर 18 फीसद का माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगेगा। यह व्यवस्था दी है एडवांस रूलिंग ऑथोरिटी (एएआर) की कर्नाटक पीठ ने। तकनीकी और कारोबारी सेवाओं के तहत आता है गेस्ट लेक्चरआवेदक साईराम गोपालकृष्ण ने एएआर से संपर्क कर पूछा था कि क्या अतिथि व्याख्यान से हुई आमदनी करयोग्य सेवाओं में आती है। एएआर ने यह आदेश पारित करते हुए कहा कि इस तरह की सेवाएं अन्य पेशेवर, तकनीकी और कारोबारी सेवाओं के तहत आती हैं और ये सेवाओं की छूट वाली श्रेणी के तहत नहीं हैं। ऐसे में इस प्रकार की सेवाओं पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी देना होगा। एएआर के इस आदेशानुसार सेवा पेशेवर, जिनकी आमदनी 20 लाख रुपये से अधिक होगी उन्हें अतिथि के रूप में व्याख्यान से हुई कमाई पर 18 प्रतिशत जीएसटी देना होगा।