चीन की धमकी, नैन्सी पेलोसी ने अगर ताईवान का दौरा किया तो ठीक नहीं ...
बीजिंग । चीन ने अमेरिका को एक बार फिर धमकी भरे अंदाज में आगाह किया है कि वो अमेरिकी सभा की स्पीकर नैन्सी पेलोसी को ताइवान का दौरा रद्द कर दे। नैन्सी अगले माह ताइवान जा सकती हैं। उन्होंने अपना ये दौरा कोविड-19 की वजह से एक बार टाल दिया था। चीन ने आगाह किया है कि अगर नैंसी, ताइवान गईं तो फिर कड़ा जवाब दिया जाएगा। पिछले करीब दो साल से चीन लगातार ताइवान पर आक्रामक है और हर समय इस हिस्से को लेकर धमकाता रहता है। अभी तक नैन्सी की तरफ से इस दौरे की पुष्टि नहीं की गई है। लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्ट्स ने कुछ अज्ञात अधिकारियों के हवाले से इस बात की जानकारी दी है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिझियान मंगलवार को ऐसी ही एक रिपोर्ट को आधार बनाकर अमेरिका पर बरसे हैं। उन्होंने कहा है कि चीन इस कदम को उन कूटनीतिक समझौते का गंभीर उल्लंघन मानता है जो चीन और अमेरिका के बीच बेहतर रिश्तों के मकसद से हुए हैं।
उन्होंने कहा, 'चीन, अमेरिका से अपील करता है कि वो इस दौरे को न होने दे और अधिकारियों को आने से रोके, तनाव बढ़ने से रोके और अपने वादे को पूरा करे जो ताइवान को अलग न करने के समर्थन से जुड़ा है।' उन्होंने आगे कहा, 'अगर अमेरिका इसी तरह से आगे बढ़ता रहेगा तो फिर चीन को मजबूत कदम उठाना पड़ेगा। उसे ऐसे कदम उठाने होंगे जो राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से जुड़े हैं। अमेरिका को इसके नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहना होगा।' ये बयान ऐसे समय में आया है जब ताइवान पर लगातार खतरा बढ़ता जा रहा है। कई अमेरिकी रक्षा अधिकारियों का मानना है कि रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद चीन को और हिम्मत मिल गई है। उसे लगता है कि वो भी ऐसा ही कर सकता है और अब उसक मकसद भी इसी तरह का कुछ करने का है।
चीन ने मंगलवार को पेलोसी के दौरे को लेकर कूटनीतिक प्रतिक्रिया के अलावा मिलिट्री से जवाब देने की तरफ भी इशारा किया है। चीन ने सीधे तौर पर ऐसा कुछ नहीं कहा लेकिन उसने यह जरूर कहा है कि ये कदम भड़काने वाला है और इसका माकूल जवाब दिया जाएगा। सरकारी अखबार ने विश्लेषकों के हवाले से लिखा है कि चीन की तरफ से अमेरिका के इस कदम को भड़काने वाला माना जाएगा और वो कोई भी प्रतिक्रिया दे सकता है जिसमें सैन्य जवाब भी शामिल होगा। बाइडेन प्रशासन की तरफ से हाल ही में 108 मिलियन डॉलर वाले हथियारों की खेप ताइवान भेजने का ऐलान किया गया है। पहले ही चीन इस बात से चिढ़ा था और अब पेलोसी का संभावित दौरा, निश्चित तौर पर ये कदम बीजिंग को मुंह चिढ़ाने वाला साबित होगा।