सूरत । इसरो के चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर के डिजाइन बनाने का दावा करने मितुल त्रिवेदी को सूरत सिटी पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है। हालां‎कि त्रिवेदी के दावों को इसरो के अधिकारियों ने ‎सिरे से खारिज कर दिया है, इसके कारण उसकी गिरफ्तारी हुई। त्रिवेदी ने हाल ही में चंद्रयान-3 के लैंडर के डिजाइन के पीछे एक प्रमुख व्यक्ति होने के अपने दावे को लेकर लोगों का ध्यान आकर्षित किया, उन्होंने दावा किया कि इनोवेशन ने लैंडिंग पर धूल के बिखरने को रोका। पुलिस ने शुरू में त्रिवेदी को वेरिफिकेशन के लिए बुलाया था, लेकिन अपने दावों को साबित करने में असमर्थता के चलते मामला क्राइम ब्रांच ने देखा। वहीं बेंगलुरु स्थित इसरो मुख्यालय ने अंतरिक्ष एजेंसी के साथ उसके इस दावे का खंडन किया। पुलिस ने त्रिवेदी की क्वालिफिकेशन की जांच की। उनके दावे प्रतिष्ठित इंस्टीट्यूशन में एकेडमिक के दावों तक विस्तारित हुए, इनमें क्वांटम फिजिक्स के लिए कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी और एंथ्रोपोलॉजी और वेदांत के लिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी शामिल हैं, जिसका समापन पीएचडी में हुआ।
त्रिवेदी ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण में सदस्यता और 45 प्राचीन भाषाओं को पढ़ने में असाधारण दक्षता का भी दावा किया था। बाद में उन्हें सूरत पुलिस की स्पेशल ब्रांच के डीसीपी हेतल पटेल ने तलब किया। अधिकारियों ने उनके दावे के समर्थन में दस्तावेजों का अनुरोध किया था, जिसे पूरा करने में त्रिवेदी विफल रहे। यह पहली बार नहीं है जब त्रिवेदी ने असाधारण दावे किए हैं। इससे पहले उन्होंने दक्षिण गुजरात के ओलपाड के पास समुद्र में द्वारिका नाम की एक स्वर्ण नगरी के अस्तित्व पर दावा किया था।