भोपाल ।  नालों में बने अतिक्रमण बारिस के मौसम में लोगों की मुसीबत बढ़ा सकते हैं। क्योंकि दिनों दिन घटती नालों की चौडाई के बीच निगम का अमला जहां जल निकासी में रोड़ा बने अक्रिमणों को अब तक हटा नहीं पाया है। वहीं वर्षों पूर्व तैयार की गई सूची पर कार्रवाई की तैयार भी सामने नहीं आ पाई है। इसको देखते हुए नालों के आसपास रहने वाले लोगों की ङ्क्षचता बढ़ गई है।
वजह यह भी है कि निगम प्रशासन की अनदेखी के कारण अतिक्रमण और दूसरी समस्याओं के कारण इन नालों में पानी के जमा होने की संभावना बनी हुई है। बीते साल निगम प्रशासन ने कई बड़े नालों को साफ कराया था, लेकिन यहां बने अतिक्रमणों को तोडऩे की जरूरत नहीं समझी गई। इसके कारण इन नालों में जमा कचरा बाल का कारण बन सकता है। इसमें सबसे ज्यादा ऐशबाग, सुभाष नगर क्षेत्र, चांदबड़, टीला जमालपुरा, भोपाल टॉकीज, साकेत नगर और बैरागढ़ क्षेत्र के प्रभावित होने की संभावना है। निगम अधिकारियों की माने तो सबसे ज्यादा इसी क्षेत्र के नालों पर सबसे ज्यादा अतिक्रमण किया गया हैं। बावजूद इसके उपायुक्त स्वास्थ्य हर्षित तिवारी का कहना है कि पूर्ववर्ती सूची के अनुसार गंदे नालों की सफाई के साथ अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है। जिससे कृतिम बाढ़ की स्थिति शहर में न बनें। क्योंकि शहर में कुछ ऐसे नाले भी हैं, जो बारिश के दौरान लाखों लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं। इनमें नया बसेरा राजीव नगर बस्ती नाला भी शामिल है। इसके आस-पास के मकानों और झुग्गियों में पानी भरने के साथ ही कोटरा नेहरू नगर और पंचशील नगर सहित अन्य बस्तियों के निचले क्षेत्र में जलभराव की स्थिति बनी थी।


नालों पर लगातार बढ़ा अतिक्रमण
राजधानी में नालों में पर अतिक्रमण बीते दिनों में लगातार बढ़ा है। हालांकि यह लंबे समय से चल रहा है, लेकिन मौजूदा अधिकारियों ने इसे रोकनें की जरूरत नहीं समझी है। 6 नंबर मार्केट इसकी मिसाल है। क्योंकि इसके पीछे नाले पर अतिक्रमण कर व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बना दिया गया है। इसी तरह कोलार रोड़ सर्वधर्म के पास बड़ा नाला लोगों के अतिक्रमण का शिकार होकर अब नाली में तब्दील हो गया है।


लगातार अस्तित्व खो रहे हैं नाले
शहर में गंदे जल निकासी के माध्यम बने नाले नगर निगम परिक्षेत्र में लगातार अपना अस्तित्व खोते जा रहे हैं। क्योंकि नालों पर न केवल अतिक्रमण बल्कि इनको क्रमश: धीरे-धीरे समाप्त करने का अनुक्रम जारी है। सुभाष नगर क्षेत्र में रायसेन रोड़ से सटे अप्सरा सिनेमा के पास बना नाला इसकी पुष्टि करता है। वह इसलिये भी कि 5-6 फीट का नाला कुछ दूर पर 2-3 फिट में सिमट गया है।  यदि पूरे शहर की बात करें तो आंकलन इसी से किया जा सकता है चिंहित किये गये छोटे-बड़े 789 नालों की संख्या घटकर अब लगभग 642 पर पहुंच गई है।


कम की जा रही है नालो की चौड़ाई
शहर की जल निकासी के लिये नालों का अस्तित्व में रहना जरूरी है। बावजूद इसके सुनियोजित तरीके से पुर्ननिर्माण के नाम पर इनकी चौड़ाई कम की जा रही है।  रायसेन रोड़ स्थित स्टेट बैंक के सामने बने नाले को इस मामले में नजीर के तौर पर देखा जा सकता है। क्योंकि बारिश पूर्व पुर्ननिर्माण के नाम पर 5 फिट के दायरे में रहे इस नाले को अब 2 फिट चौड़ाई में समेटा जा रहा है। इस मामले में निगम प्रशासन के अधिकारियों की सहमति से इंकार नहीं किया जा सकता है।


किन नालों पर कितना अक्रिमण
राजधानी में मनीषा मार्केट, त्रिलंगा, शाहपुरा में 1100, जिंसी 650, पंचशील 700, आरिफ नगर 1400, चांदबड़ 1500, भानपुर 1000, सेमरा 600, सुभाष कॉलोनी 1200, एमपी नगर 500, 10 नंबर मार्केट 70, अशोका गार्डन 900, बाणगंगा 800, 6 नंबर मार्केट 90 के आसपास अतिक्रमण बताए जाते हैं।