भिंड में 10 सेकंड में बनाते 2 हजार का एक नोट
गुजरात में खपाए जाने थे 5 लाख रुपए; 50 हजार में डील


भिंड । मप्र में पुलिस ने नकली नोट बनाने की फैक्टरी पकड़ी। यहां आरोपी मात्र दस सेकंड में दो हजार का नकली नोट बनाकर तैयार कर लेते थे। मामला भिंड के लहार थाना क्षेत्र का है। आरोपियों ने दस लाख के नोट बना लिए थे। इसे गुजरात में खपाने की तैयारी थी। 50 हजार में 5 लाख के नकली नोट देने का सौदा तय कर लिया था। इससे पहले भिंड पुलिस की स्पेशल टीम ने तीन आरोपियों को दबोच लिया। गिरोह का मास्टरमाइंड और एक अन्य आरोपी को पुलिस अब तक नहीं पकड़ सकी है।
भिंड एसपी शैलेंद्र सिंह चौहान ने शुक्रवार को बताया कि गिरोह का मास्टमाइंड सत्यवीर राजपूत है। उसने गुजरात से नकली नोट बनाना सीखा था। प्रिटिंग मशीन और कागज भी वहीं से लाते थे। आरोपियों ने गांव में ही मशीन लगा ली थी। नोट का डिजाइन तैयार कर लिया था। प्रिंटर की मदद से नकली नोट प्रिंट करते थे। वह पहले भी इस मामले में जेल में बंद था। 8 महीने के बाद जमानत पर रिहा होकर फिर काम शुरू कर दिया। वे रेत कारोबार में नकली नोट खपाते थे। गड्डियों में एक-दो नोट फंसाते थे। आरोपी 2000 और 200 का नोट ही बनाते थे। 500 का नोट नहीं बना पा रहे थे।


तीन साल में तीसरी बड़ी कार्रवाई
भिंड में पिछले तीन साल में यह तीसरी बड़ी कार्रवाई है। इसे पहले एसटीएफ ने दो आरोपियों को एक साल पहले पकड़ा था। पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर छापामार कार्रवाई की। गांव मेहरा बुजुर्ग में रहने वाले ईसू रजक के घर में नकली नोट तैयार किए जाते थे। यहां कप्यूटर से लेकर प्रिंटिंग मशीन तक लगाई गई थी। छापे में दस लाख नकदी व नकली नोट तैयार करने वाली सामग्री मिली है। पकड़े गए आरोपियों में ईसू रजक, राजू सिकरवार निवासी साड़ा भारौली, लला राजपूत निवासी लालपुरा मेहरा शामिल है।


गुजरात में हुई डील
इस मामले में पुलिस को दो आरोपी सत्यवीर व विनोद की तलाश है। बताया जाता है कि सत्यवीर राजपूत निवासी सहायपुरा और विनोद निवासी साड़ा, ये दोनों गुजरात गए हैं। गुजरात में किसी से आरोपी की डीलिंग हो चुकी है। 50 हजार रुपए में पांच लाख की डीलिंग हो चुकी थी। इसलिए इतनी बड़ी मात्रा में नकली नोटों को तैयार किया गया था।