नई दिल्ली । राष्ट्रीय राजधानी में कुत्तों के बढ़ते हमले पर दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि आवारा कुत्तों को खाना खिलाने से वे खूंखार हो रहे हैं और लोगों पर हमले हो रहे हैं। कुत्ते के झुंड के हमला करने से बेटी को खोने वाले एक पिता की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने उक्त टिप्पणी करते हुए दिल्ली सरकार, नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) और दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है। तुगलक लेन के धोबी घाट इलाके में 18 महीने की बच्ची मौत के बाद उसके पिता ने 50 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की थी। अदालत ने अधिकारियों को 10 दिनों में अपना जवाब दाखिल कर बताने को कहा कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। याचिकाकर्ता राहुल कनौजिया ने कहा कि एनडीएमसी की लापरवाही और प्रशासनिक चूक के कारण उनकी डेढ़ साल की बेटी के साथ ऐसी घटना हुई। यह भी तर्क दिया कि संविधान के अनुच्छेद 21 के अनुसार लोगों के जीवन को बचाना और उनकी रक्षा करना राज्य का कर्तव्य है। एनडीएमसी की ओर से इस तरह की लापरवाही और प्रशासनिक चूक ने मृत बच्चे और याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया है। 24 फरवरी की शाम यह घटना तब हुई थी, जब बच्ची अपने घर के बाहर बैठी थी और चार से पांच कुत्तों ने उस पर हमला किया। कुत्तों ने बच्ची को काफी दूरी तक घसीटा था और उसे नोच डाला था। इसके कारण उसकी मौत हो गई थी।