छत्‍तीसगढ़ में कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर सरकार ने सख्ती और सतर्कता रखनी शुरू कर दी है। अब शासकीय और निजी अस्पतालों और मेडिकल कालेजों में आपरेशन से पहले मरीजों को कोरोना जांच करवाना आवश्यक होगा। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश दिए हैं।

स्वास्थ्य संस्थानों में कोरोना संक्रमण न फैले, इसके लिए सावधानी के नाते ये कदम उठाए जा रहे हैं। शासकीय और निजी अस्पतालों में आने वाले मरीजों में यदि कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं, तो उनकी जांच आवश्यक होगी। रिपोर्ट पाजिटिव आने पर आरटीपीसीआर जांच करवाई जाएगी। आंबेडकर अस्पताल में मरीज और स्वजन को सुरक्षाकर्मी मास्क लगाने की सलाह दे रहे हैं। अधिकांश विभागों की ओपीडी में डाक्टर मास्क लगाकर ही मरीजों की जांच कर रहे हैं।

प्रदेश में भी कोरोना के नए वैरिएंट जेएन-1 की इंट्री हो गई है। एम्स की वायरोलाजी विभाग में जांच के लिए 48 सैंपल भेजे गए थे, जिसमें से 25 में नए वैरिएंट के वायरस मिले हैं। रायपुर, बस्तर और रायगढ़ के मरीजों में नया वैरिएंट पाया गया है।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है सभी मरीजों की हालत खतरे से बाहर है। वैरिएंट की जांच के लिए मरीजों के सैंपल 20 दिन पहले ही भेजे गए थे। जिन मरीजों की रिपोर्ट आई है, उनमें ज्यादातर ठीक हो चुके हैं। एम्स से रिपोर्ट मिलने के बाद सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है।

नए वैरिएंट से घबराने की जरूरत नहीं

आंबेडकर अस्पताल के कोरोना वार्ड के आइसीयू प्रभारी ने बताया कि अभी तक जितने भी मरीज आए हैं, उनमें किसी तरह की कोई दिक्कत सामने नहीं आई है। वर्तमान में केवल एक मरीज भर्ती है। सांस लेने में तकलीफ वाले इक्का-दुक्का मरीज ही भर्ती हुए हैं, लेकिन वे सभी खतरे से बाहर हो चुके हैं। नया वैरिएंट ज्यादा इफेक्ट नहीं कर रहा है, लेकिन सावधानी आवश्यक है। कोमार्बिलिटी यानी जिन्हें अलग-अलग तरह की गंभीर बीमारियां हैं, उन्हें अतिरिक्त सावधानी रखना चाहिए।

स्वास्थ्य सेवाएं के मीडिया प्रभारी और उप संचालक डा. ने कहा, प्रदेश में कोरोना के नए वैरिएंट जेएन-1 के मरीज मिले हैं, लेकिन घबराने की आवश्यकता नहीं है। सभी मरीज ठीक हो चुके हैं। शासकीय और निजी स्वास्थ्य संस्थानों को आपरेशन से पहले मरीजों का कोरोना जांच के निर्देश दिए गए हैं।