नई दिल्ली  ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हनुमान जयंती के दिन दिल्ली के जहांगीर पुरी इलाके में हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। ओवैसी ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर के बयान का हवाला देते हुए कहा- सी ब्लॉक जहांगीरपुरी में बिना अनुमति के कैसे निकाली गई? बिना अनुमति के यात्रा निकाली गई और उसमें पिस्तौल और तलवार लहराई गई। इस दौरान दिल्ली पुलिस के जवान मूक दर्शक बनकर देखते रहे? आपने बिना अनुमति के शोभा यात्रा निकलने कैसे दी? ओवैसी ने कहा- शोभा यात्रा के दौरान हथियारों का प्रदर्शन क्यों किया गया? यात्रा के दौरान भड़काऊ नारे लगाए गए। भगवा झंडों को फहराने की कोशिश क्यों की गई? गौरतलब है राकेश अस्थाना से पूछा गया था कि जहांगीर पुरी मे क्या इसलिए दंगा भड़का क्योंकि कुछ लोगों ने मस्जिद पर भगवा झंडा लहराने की कोशिश की थी? जवाब में राकेश अस्थाना ने भगवा झंडे फहराए जाने की घटना को सिरे से खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था किसी ने शोभा यात्रा के दौरान मस्जिद पर भगवा झंडा लहराने की कोशिश नहीं की। जहांगीर पुरी में शनिवार को हनुमान जयंती के मौकै पर शोभा यात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में 23 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें दो नाबालिग भी शामिल हैं। आरोपियों में से दो लोग पुलिस कस्टडी में हैं जबकि 12 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जहांगीरपुरी हिंसा की हर एंगल से जांच के लिए 14 टीमों का गठन किया है। पुलिस ने लोगों से भी अपील की है कि सोशल मीडिया पर फैलने वाली किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान ना दें। पुलिस कमिश्नर ने कहा है- हम सोशल मीडिया पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं। जो भी सोशल मीडिया पर फर्जी खबर या ट्वीट कर लोगों को भड़काने के इरादे से किसी तरह की अफवाह को फैलाता नजर आएगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।