भारतीय आईटी कंपनी इंफोसिस एक बार फिर से लैंगिक पूर्वाग्रह के आरोपों का सामना कर रही है। इंफोसिस में प्रतिभा अधिग्रहण की पूर्व उपाध्यक्ष जिल प्रेजीन ने अमेरिकी अदालत में शिकायत देते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रेजीन ने बताया कि इंफोसिस ने भारतीय मूल के लोगों, बच्चों वाली महिलाओं और 50 या उससे अधिक उम्र के उम्मीदवारों को काम पर रखने से बचने के लिए कहा था। इस तरह के अवैध, भेदभावपूर्ण मापदंडों के आधार पर उम्मीदवारों को स्क्रीन करने से इनकार करने पर मेरे साथ भी भेदभाव किया गया। कई अधिकारियों ने मुझपर नियंत्रण करने की कोशिश की।

इंफोसिस को अदालत से झटका
न्यूयॉर्क के यूनाइटेड स्टेट्स डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने शुक्रवार को इंफोसिस को झटका देते हुए उसके प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इंफोसिस ने कोर्ट से कहा था कि जिल प्रेजीन द्वारा दायर मुकदमे को खारिज कर दिया जाए। प्रेजीन ने इंफोसिस के पूर्व सीनियर वीपी व कंसल्टिंग हेड मार्क लिविंगस्टन और पूर्व भागीदारों डैन अलब्राइट व जेरी कर्ट्ज के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। जिल प्रेजीन ने इन्फोसिस पर उन्हें अन्यायपूर्ण तरीके से बर्खास्त करने का आरोप लगाया है। प्रेजीन ने कहा कि कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों ने कर्मचारियों को काम पर रखने की अवैध मांगों का पालन करने पर आपत्ति जताने पर उन्हें बर्खास्त कर दिया।