डायबिटीज़ के साथ साथ घटाए वज़न
डायबिटीज़ की वजह से व्यक्ति की रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर भी असर पड़ता है। डायबिटीज़ का इलाज भले ही संभव नहीं है लेकिन सही डाइट और वर्कआउट की मदद से इसे कंट्रोल में रखा जा सकता है। वहीं, अगर आप डायबेटिक हैं और वज़न घटाना चाह रहे हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी हो जाता है।
शुरुआत धीरे-धीरे करें : यह सिद्ध हो चुका है कि डायबिटीज़ दिल के साथ आपकी पूरी सेहत को प्रभावित करती है। इसलिए एक्सरसाइज़ की शुरुआत धीरे-धीरे करें। साथ ही अचानक डाइट में कई बदलाव भी नहीं कर देने चाहिए।
मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान दें : वज़न घटाने की कोशिश में फिज़िकल के साथ मानसिक तौर पर भी मज़बूती चाहिए होती है। अगर आप डायबेटिक हैं और मोटापे के शिकार भी, तो बेहतर है कि वज़न कम करने के लिए प्रोफेशनल मदद लें।
एक्सरसाइज़ : ज़ाहिर है अगर आप वज़न कम करना चाहते हैं, तो आपको हफ्ते में 5 दिन वर्कआउट करना ही होगा।
सोच समझकर खाएं : वर्कआउट रूटीन जितना ज़रूरी होता है उतनी ही डाइट भी ज़रूरी होती है। अगर आपको डायबिटीज़ है और आप वज़न कम करने की कोशिश में लगे हैं, तो आपको सोच समझकर ही खाना चाहिए।
खुद को झोंकना नहीं है : वज़न घटाने के सफर में आपको रोज़ाना वर्कआउट करने के साथ अपनी स्पीड को धीरे-धीरे बढ़ाना है। ज़रूरत से ज़्यादा वर्कआउट फायदा करने की जगहआपको नुकसान पहुंचा सकता है।
खाना स्किप न करें : कैलोरी को कंट्रोल करने के लिए लोग अक्सर मील छोड़ देते हैं, जो बेहद अनहेल्दी है। डायबिटीज़ में तीनों मील लेना ज़रूरी है।
कार्ब्स न छोड़ें : खाने के साथ कार्ब्स का सेवन भी ज़रूरी है। फाइबर को ज़्यादा ज़रूरी नहीं माना जाता, लेकिन यह गलत है। डायबिटीज़ में अनाज और फाइबर से भरपूर डाइट लेने की सलाह दी जाती है।
इंटरमिटेटं फास्टिंग न करें : इंटरमिटेटं फास्टिंग डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए सही नहीं होती। लंबे समय तक कुछ न खाने से आपके इंसुलिन और ब्लड शुगर के स्तर पर असर पड़ सकता है। इसके जगह आप DASH या फिर मेडेटेरियनिन डाइट ले सकते हैं।
प्रोसेस्ड और जंक फूड न खाएं : जंक, प्रोसेस्ड, डिब्बा बंद और इसी तरह के अनहेल्दी फूड्स से दूरी बनाए रखना ज़रूरी है। यह सभी फूड्स ट्रांस फैट्स, सैचुरेटेड फैट्स और सोडियम से भरपूर होते हैं, जो डायबिटीज़ में गंभीर नुकसान पहुंचाने का काम करते हैं।