शिवरात्रि से गुड़ी पड़वा तक महाकाल लोक के कार्यक्रम आयोजित होंगे
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि महाकाल लोक की रचना अद्भुत एवं अद्वितीय है। इसकी ख्याति देश-विदेश में है। यह ईश्वर की अनुपम कृति है। महाकाल लोक का और अधिक प्रचार-प्रसार करने और इसे देश-विदेश में आमजन तक पहुँचाने के लिये अब उज्जैन में शिवरात्रि से गुड़ी पड़वा तक कार्यक्रम किये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकाल लोक के विषय में लोग अधिक से अधिक जानें, इसके लिये वे स्वयं देश के प्रमुख लोगों को इसके दर्शन के लिये पत्र और महाकाल का प्रसाद भी भेजेंगे।
मुख्यमंत्री चौहान मंगलवार को कालिदास अकादमी में महाकाल लोक की आयोजन समिति के सदस्यों एवं साधु-सन्तों के आभार प्रदर्शन कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री चौहान ने सभी साधु-सन्तों एवं समिति सदस्यों का आभार प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि आप सबके प्रयासों से महाकाल लोक का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथो सम्पन्न हुआ है। मुख्यमंत्री ने आभार स्वरूप साधु-सन्तों एवं आयोजन समिति के सदस्यों पर पुष्प-वर्षा की।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि महाकाल लोक श्रद्धा, आस्था, पवित्रता एवं प्रेरणा का स्थान है। महाकाल लोक पिकनिक स्पॉट नहीं है। हम सब ऐसा प्रयास करें कि महाकाल के दर्शन करने वाले अपने मन में श्रद्धा एवं भक्ति का भाव लेकर महाकाल लोक के दर्शन भी करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान भोले शंकर मेरे आदर्श हैं। उन्होंने सृष्टि को बचाने के लिये अपने को दाँव पर लगाते हुए हलाहल विष का पान किया। महाकाल लोक में शिव महिमा एवं हमारी धार्मिक आस्थाओं का पत्थर पर चित्रण है। भित्ति चित्रों से महाकाल लोक में आने वाली हमारी पीढ़ी हमारी धार्मिक परम्परा एवं आस्था से परिचित हो सकेगी। महाकाल लोक में सृष्टि की उत्पत्ति, शिप्रा का उद्भव एवं शिव महिमा को बहुत ही सुन्दर तरीके से उकेरा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब महाकाल लोक के संचालन के लिये विस्तृत कार्य-योजना बनाई जायेगी। उन्होंने आयोजन समिति से सुझाव भी आमंत्रित किये।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि भगवान महाकाल सर्वोपरि हैं। हम सब उनके सेवक हैं। उन्होंने कहा कि दीपावली के दिन महाकाल लोक दीपों से जगमगाये। सभी लोग महाकाल लोक के नाम पर एक दीया जरूर जलायें। सब पवित्रता एवं श्रद्धा का भाव बनाये रखें और अपने मन में कभी भी नकारात्मकता का भाव न लायें।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि महाकाल लोक की पवित्रता बनी रहे, परिसर स्वच्छ एवं व्यवस्थित रहे। साथ ही हमारी जो धार्मिक परम्परा है, वह न टूटे। उन्होंने कहा कि महाकाल लोक प्रेरणा लेने का एक पवित्र स्थल है। आने वाले दिनों में गाँवों से भी लोगों को यहाँ का भ्रमण कराया जायेगा। गाँव से आने वाले श्रद्धालु अपने गाँव से जल लाकर रूद्र सागर में प्रवाहित कर पवित्र जल से महाकाल का अभिषेक करेंगे। इसके लिये विस्तृत कार्य-योजना भी बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि महाकाल लोक का लोकार्पण व्यवस्थित एवं सम्पूर्ण कार्यक्रम था। आज तक ऐसा कार्यक्रम देश में नहीं हुआ है। यह हमारे लिये पूर्ण विराम नहीं है। अब हम महाकाल लोक के दूसरे चरण का कार्य भी शुरू करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में महाकाल लोक के समीप एक हजार कमरों की धर्मशाला भी बनाई जायेगी। धर्मशाला बनने से निम्न और मध्यम वर्ग के लोगों को कम कीमत पर ठहरने की सुविधा मिलेगी।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आज मुख्यमंत्री चौहान सौगातों का पिटारा लेकर आये हैं। पहली बार उज्जैन जिले में दशहरे की सवारी शाही अंदाज में निकाली गई। सांसद अनिल फिरोजिया ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान का उज्जैन को विश्व में धार्मिक एवं पर्यटन की नगरी बनाने का सपना आज पूरा हो गया है।
आयोजन समिति के सदस्यों ने मुख्यमंत्री को महाकाल लोक के रख-रखाव एवं सुचारू संचालन संबंधी सुझाव दिये। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सभी सुझावों पर विचार किया जायेगा।
पत्रकार शैलेंद्र कुल्मी ने सुझाव दिया कि महाकाल लोक अद्वितीय एवं भव्य है। इसकी गुणवत्ता को आगे भी बरकरार रखने की आवश्यकता है। दिनेश श्रीवास्तव ने कहा कि महाकाल लोक की सुरक्षा किसी कमर्शियल एजेंसी के स्थान पर जन-अभियान परिषद से की जाये। घनश्याम शर्मा ने महाकाल लोक परिसर के आसपास भिक्षावृत्ति पर रोक लगाने का सुझाव दिया। नीलेश ने महाकाल लोक के रख-रखाव के लिये पृथक से एक आईएएस अधिकारी की नियुक्ति करने का मशवरा दिया। एक अन्य नागरिक ने कहा कि महाकाल लोक भ्रमण के लिये कड़े नियम बनाये जायें। हमारी आस्था को भंग करने वालों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाये। रूप पमनानी ने कहा कि जिस तरह विदेश से आने वाले राजनयिक ताज महल देखने जाते हैं, उसी तरह विदेशी राजनयिकों के कैलेंडर में महाकाल लोक के दर्शन भी शामिल रहें, ऐसा प्रयास किया जाये।
महाकाल लोक की आयोजन समिति के विचार-विमर्श एवं आभार प्रदर्शन कार्यक्रम में आचार्य शेखर महाराज, महन्त रामेश्वरदास, विनीत गिरि महाराज, सरस्वती महाराज, उमेशनाथजी महाराज, सुरेंद्र अरोरा, विधायक पारस जैन, महापौर मुकेश टटवाल, नगर निगम सभापति कलावती यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष कमला कुंवर, उपाध्यक्ष शिवानी कुंवर सहित जन-प्रतिनिधि, आयोजन समिति सदस्य एवं मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित थे।
अतिथि गृह का लोकार्पण एवं मेघदूत वन गार्डन का भूमि-पूजन
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को जेके सीमेंट कंपनी द्वारा बनाये गये अतिथि गृह का लोकार्पण किया। अतिथि गृह श्रद्धालुओं के लिये बनाया गया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री चौहान को महाकालेश्वर का मोमेंटो भेंट किया गया।
मुख्यमंत्री चौहान ने महाकाल लोक परियोजना के दूसरे चरण में मेघदूत वन का भूमि-पूजन किया। मेघदूत वन के बनने के बाद यहाँ प्रवचन के कार्यक्रम, भजन संध्या एवं धार्मिक कार्यक्रम किये जायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कारीगरों का सम्मान कर उनके साथ भोजन किया
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन में महाकाल लोक के निर्माण में अलग-अलग कार्यों के लिये लगे शिल्पकार एवं अन्य कार्य करने वाले कारीगरों का आत्मीय सम्मान किया। मुख्यमंत्री ने प्रतीक स्वरूप त्रिवेणी संग्रहालय के ऑडिटोरियम में श्रम एवं रचनात्मकता के श्रेष्ठ कार्य करने वाले कारीगरों में से 25-30 कारीगरों का माला पहना कर स्वागत कर सम्मान किया। उन्होंने कहा कि पसीना बहाने वाले कारीगरों का नाम सदैव याद किया जायेगा। महाकाल भगवान की कृपा और कारीगरों के पसीने से अलौकिक रूप से निर्मित महाकाल लोक को देश-दुनिया में प्रशंसा मिल रही है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कारीगरों से कहा कि उन्होंने दिन-रात कड़ी मेहनत कर प्रथम चरण के निर्माण कार्यों को पूर्ण किया, उनका आत्मीय स्वागत और अभिनन्दन है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे द्वारा किया गया सम्मान मेरे अकेले का नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश की जनता द्वारा कारीगरों का किया गया सम्मान है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि महाकाल लोक के दूसरे चरण के कार्य अब प्रारम्भ होंगे। महाकाल की नगरी में निरन्तर काम चलते रहेंगे। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा कि इतिहास में पहली बार श्रमिकों, कारीगरों का मुख्यमंत्री चौहान द्वारा सम्मान किया जा रहा है, यह हमारे लिये गौरव की बात है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सभी कारीगरों के साथ सहभोज में भी शामिल हुए।
भगवान महाकालेश्वर के दर्शन कर पूजा-अर्चना की
मुख्यमंत्री चौहान ने मंगलवार को अपने उज्जैन प्रवास के दौरान भगवान महाकालेश्वर के मन्दिर में दर्शन कर पूजा-अर्चना की। पूजा पं.प्रदीप पुजारी एवं यश पुजारी ने कराई। मुख्यमंत्री चौहान ने भगवान महाकालेश्वर से प्रदेशवासियों की मंगल-कामना की।
महाकाल लोक का भ्रमण किया
मुख्यमंत्री चौहान ने नव-निर्मित महाकाल लोक का भ्रमण किया। सांसद अनिल फिरोजिया द्वारा चलित इलेक्ट्रॉनिक वाहन में बैठ कर मुख्यमंत्री चौहान ने महाकाल लोक में निर्मित कलाकृतियों का अवलोकन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री चौहान ने महाकाल लोक के अनुपम सौन्दर्य का अवलोकन करने विभिन्न स्थानों से आये श्रद्धालुओं से चर्चा की और महाकाल लोक के अदभुत सौन्दर्य एवं पत्थरों पर उकेरी गई कलाकृतियों की जानकारी देकर उनसे फीडबेक भी लिया। श्रद्धालुओं ने महाकाल लोक की प्रशंसा करते हुए बताया कि महाकाल लोक अद्वितीय एवं अनुपम है। यहाँ से जाने के बाद वे अपने परिचित एवं स्वजनों को महाकाल लोक की अनुभव यात्रा के बारे में बता कर उन्हें यहाँ एक बार अवश्य आने के लिये प्रेरित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकाल लोक का अनुभव मन में श्रद्धा का भाव लाकर करें। इससे महाकाल लोक की अनुभूति दोगुनी हो जायेगी।
दूसरे चरण के निर्माणाधीन कार्यों का अवलोकन
मुख्यमंत्री चौहान ने महाकाल लोक के विस्तारीकरण के दूसरे चरण के निर्माणाधीन कार्यों का अवलोकन किया। कलेक्टर आशीष सिंह और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के इंजीनियर ने मुख्यमंत्री को निर्माणाधीन कार्यों की विस्तार से जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने दूसरे चरण में बनने वाले शिखर दर्शन, ध्यान कक्ष, छोटे रूद्र सागर के जीर्णोद्धार, महाराजवाड़ा हेरिटेज धर्मशाला का निरीक्षण किया और निर्माणाधीन कार्यों पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भगवान महाकालेश्वर की कृपा से प्रथम चरण का कार्य पूर्ण हो चुका है। दूसरे चरण में निर्माणाधीन कार्य भी शीघ्र ही पूर्ण होंगे। ‘महाकाल लोक’ शीघ्र ही ‘महालोक’ के रूप में परिवर्तित होगा और 47 हेक्टेयर का विशाल परिसर दिव्य और अलौकिक ऊर्जा का केन्द्र भी बनेगा।