मानसून की बारिश ने किसानों को परेशानी में डाला
भोपाल। प्रदेश में लगातार बारिश से सोयाबीन उपज बिगड़ गई। पत्ते पीले पडऩे के साथ ही पौधों की बढ़त रुक गई। एक माह की उपज हो गई है। यह समय फूल आने का है। सबसे ज्यादा सोयाबन मालवा-निमाड़ के जिलों में प्रभावित हुई है। भोपाल के किसानों ने बताया खेतों में पानी भरा है, पौधों की जड़ें खराब हो रही हैं। सीहार के किसानों ने कहा पैदावार कम मिलने के आसार हो गए हैं। अगर पानी अब कुछ समय नहीं गिरे तो ही बीमार उपज को जीवनदान मिल सकता है। आला वैरायटी का 9560, 2034 बीज वाली उपज तो नुकसानी के कगार पर खड़ी है।
किसानों ने कृषि विभाग से सर्वे कराने की मांग की है। किसानों का कहना है कि ढलती जमीन के खेत निचले इलाकों वालों में पानी भरा रहने से उपज खराब हो रही है। किसानों के अनुसार 9560 में फूल आ गए हैं लेकिन पानी नहीं रुका तो अच्छी दिख रही उपज भी खराब होने लगेगी। सोयाबीन वैसे भी भाव में दम तोड़ चुका है। दूसरी ओर फसल अगर खराब हुई तो किसान एक बार फिर कर्ज में फंसने लगेगा। तेज बारिश के कारण कई खेतों में इस तरह से पानी भर गया।
दो साल से भाव भी नहीं मिल रहे, कभी 11000 रुपए बिकी अब 4800 बिक रही कभी 11000 रुपए बिकी सोयाबीन इस साल 4800 रुपए बिक रही। वहीं नई उपज के हालात भारी बारिश ने बिगाड़ दिए हैं। सोया स्टेट के नाम से पहचान बनाने वाला एमपी अब सोयाबीन जैसी उपज को नहीं बचा पा रहा है। इस उपज के अलावा अन्य विकल्प नहीं होने से मजबूरी में किसानों को इसे ही अपनाना पड़ रहा है। सोयाबीन के पत्तों का रंग पीला होने लग गया।