धार ।   माध्यमिक शिक्षा मंडल ने अब बोर्ड परीक्षा में तकनीक से नकल पर अंकुश लगाने की रणनीति बनाई है। इस बार कक्षा दसवीं और 12वीं की वार्षिक परीक्षा के दौरान केद्रों पर तीसरी निगाह (सीसीटीवी कैमरों) से नजर रखी जाएगी। अब शिक्षा विभाग को सीसीटीवी कैमरों को लेकर तैयारी करनी होगी। वर्तमान में जिले के 60 प्रतिशत से अधिक केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। वहीं अगर शहर की बात करें तो उत्कृष्ट विद्यालय क्रमांक एक में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। यहां सीसीटीवी लगे होने की मुख्य वजह यह केंद्र मूल्यांकन केंद्र है। इस वजह से यहां पूर्व में 25 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।

वहीं अगर अन्य जगह की बात करें तो कुछ केंद्रों पर सीसीटीवी तो लगे हैं, परंतु वहां पर्याप्त संख्या में कैमरे नहीं है। जिम्मेदारों का कहना है कि अगर माध्यमिक शिक्षा मंडल का निर्देश है तो उसका पालन किया जाएगा। जिस केंद्र पर सीसीटीवी कैमरे नहीं है, उन केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएंगे। दरअसल, कक्षा 10वीं की पांच फरवरी से तो कक्षा 12वीं की छह फरवरी से वार्षिक परीक्षा शुरू हो रही है। इस बार जिले में कक्षा दसवीं में 27166 तो कक्षा 12वीं में 21887 विद्यार्थी परीक्षा में शामिल होंगे। परीक्षा के लिए जिले में करीब 150 केंद्र बनाए जाएंगे। इसमें प्राइवेट विद्यालय भी शामिल होंगे। हालांकि केंद्रों की संख्या कम ज्यादा हो सकती है। वहीं अगर सीसीटीवी कैमरा की बात करें, तो जिले महज 50 से 60 केंद्र ऐसे हैं, जहां सीसीटीवी कैमरे लगे हुए।

यह कैमरे विद्यालय द्वारा ही लगवाए हैं। इसमें भी अधिकतर विद्यालय प्राइवेट विद्यालय है। वहीं अगर सरकारी विद्यालयों की बात की जाए, तो 10 प्रतिशत विद्यालयों में भी सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। वहीं कुछ केंद्र ऐसे हैं, जहां कैमरे तो लगे हैं परंतु पर्याप्त मात्रा में सीसीटीवी नहीं होने से वहां अतिरिक्त कैमरे लगवाने होंगे। ऐसे में अब विभाग के पास महज डेढ़ माह का समय शेष रह गया है। इसमें अब समय पर कैमरे लगाना कहीं ना कहीं चुनौती भरा होगा। अंचल में कई केंद्र ऐसे हैं, जहां सीसीटीवी कैमरे लगाना कहीं नहीं कहीं चुनौती भरा होगा। इसकी मुख्य वजह इन केंद्रों बिजली की समस्या है। ऐसे में पहले विभाग को बिजली की व्यवस्था करना होगा। इसके बाद यहां कैमरे लगा पाना संभव हो पाएगा। आदेश के तहत इस बार मोबाइल भी प्रतिबंधित रहेगा। इस बार कैमरे लगाने से नकल पट्टी रोकने में कहीं ना कहीं आसान होगा। पूर्व में कई बार देखा गया है कि प्रश्न पत्र वितरण होने के कुछ समय बाद प्रश्न पत्र बाहर आ जाता है। इसमें वस्तुनिष्ठ प्रश्न की नकल हो जाती है। इसी नकल को रोकने में तीसरी आंख कामयाब होगी।

संवेदनशील केंद्रों पर होगी पारदर्शिता...

इधर, जिले में कुछ केंद्र ऐसे हैं, जो संवेदनशील है। जहां प्रतिवर्ष नकल के प्रकरण बनते हैं। परीक्षा को लेकर इन संवेदनशील केंद्रों पर विशेष तैयारी की जाएगी। खासकर अगर इस बार इन केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लग जाते हैं, तो कहीं ना कहीं तीसरी आंख से परीक्षा की पारदर्शिता और अधिक बढ़ जाएगी।