कांग्रेस छोड़ने पर सिब्बल ने कहा, इस्तीफा देना आसान नहीं था
नई दिल्ली । कांग्रेस पार्टी छोड़कर समाजवादी पार्टी के समर्थन से राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने वाले कपिल सिब्बल ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि मैंने कांग्रेस छोड़ने से पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी, तब उनका व्यवहार मेरे प्रति सद्भावपूर्ण था। पार्टी से इस्तीफे को लेकर सिब्बल ने कहा, कांग्रेस से इस्तीफा देना आसान नहीं था। परिवार को छोड़ना आसान नहीं था। लेकिन आपको एक वक्त में फैसला लेना ही होता है। कांग्रेस ने मुझे बहुत कुछ दिया है, लेकिन मैं हमेशा एक स्वतंत्र आवाज के तौर पर पहचान रखता रहा हूं। मैंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर राज्यसभा चुनाव के लिए पर्चा दाखिल किया हैं, वहीं समाजवादी पार्टी मुझे समर्थन कर रही है।'
सिब्बल ने कहा कि मैंने 16 मई को ही कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। सोनिया से मीटिंग को लेकर सिब्बल ने कहा कि यह निजी मुलाकात थी और उनका व्यवहार मेरे प्रति बहुत अच्छा था। बीते साल अगस्त से कांग्रेस से तनाव बढ़ने को लेकर कहा कि मुझे जो भी महसूस हुआ था, वह मैंने कहा था। अब मैं कांग्रेस से बाहर हूं और उसके आंतरिक मामले को लेकर कुछ नहीं कहूंगा। इतना ही नहीं जी-23 के भविष्य को लेकर भी उन्होंने कहा कि मैं इससे बाहर हूं और मेरी ओर से यह चैप्टर समाप्ट हो गया है।
तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ और दलों की ओर से संपर्क किए जाने पर सिब्बल ने कहा कि यह निजी मसला था, जिसके बारे में बता नहीं कर सकता। लेकिन मेरी प्राथमिकता में किसी दल के साथ जुड़ना नहीं था। मेरी इस पोजिशन को सपा ने स्वीकार कर लिया। गौरतलब है कि कपिल सिब्बल ने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान की पैरवी भी सुप्रीम कोर्ट में थी। माना जा रहा है कि आजम खान के लिए कानूनी जंग लड़ने के इनाम के तौर पर ही सपा ने उन्हें अपने समर्थन से राज्यसभा भेजने का फैसला लिया है।