अखिलेश यादव से आर-पार के मूड में ओपी राजभर
नई दिल्ली । समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के बीच बढ़ती नाराजगी दोनों पार्टियों के गठबंधन के टूटने की ओर इशारा कर रही है। इसी बीच राजभर सोमवार को कहा कि वह अखिलेश यादव से मुलाकात करना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि रविवार को सपा नेता व अखिलेश के करीबी उदयवीर सिंह से फोन पर बात की और उन्हें उनसे मुलाकात व बातचीत की अपनी मंशा से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि अखिलेश से मुलाकात करके पूछेंगे कि विपक्षी दलों के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के कार्यक्रम में उन्हें आमंत्रित क्यों नहीं किया गया। बता दें कि राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 18 जुलाई को होना है। मतदान में सुभासपा की भूमिका को लेकर असमंजस बना हुआ है क्योंकि पार्टी प्रमुख ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। इस बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से राजभर की नजदीकी की अटकलें तेज हो गई हैं और यह भी कयास लग रहे हैं कि राजभर सपा से दूर हो सकते हैं। सोमवार को राजभर ने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की भाजपा सरकार के परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह से मुलाकात कर उनके पिता के निधन पर शोक संवेदना प्रकट की। गौरतलब है कि राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा की गुरुवार को पत्रकार वार्ता हुई थी। सपा ने इस पत्रकार वार्ता में गठबंधन के एक अन्य सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के प्रमुख जयंत सिंह को तो बुलाया था, लेकिन सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर इसमें नजर नहीं आए थे। राजभर ने कहा कि वह सपा प्रमुख से मिलकर यह जानना चाहते हैं कि आखिरकार उन्हें विपक्षी दलों के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के कार्यक्रम में आमंत्रित क्यों नहीं किया गया। उन्होंने दावा किया कि वह 12 जुलाई तक अखिलेश के रुख का इंतजार करेंगे और फिर अपने निर्णय की घोषणा करेंगे। राजभर ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त करने से इंकार किया। राजभर ने कहा कि चुनाव में अभी समय है। हालांकि उन्होंने मुर्मू को उम्मीदवार बनाए जाने पर प्रसन्नता जताई और कहा कि वह राजनीति में अति दलित व पिछड़े वर्ग की लड़ाई लड़ते हैं। उन्होंने कहा कि डॉक्टर बी आर आंबेडकर, डॉक्टर राम मनोहर लोहिया व पंडित दीनदयाल उपाध्याय की मंशा थी कि राजनीति में हाशिए पर रहे लोगों को आगे लाया जाए। यह पूछे जाने पर कि क्या वह द्रौपदी मुर्मू की प्रशंसा कर राजग उम्मीदवार का समर्थन नहीं कर रहे, राजभर ने कहा कि जो सही है, वह वही बोल रहे हैं। गौरतलब है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को यहां राजग के सांसदों और विधायकों से अपने लिए समर्थन मांगा था। सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर मुर्मू के सम्मान में रात्रिभोज आयोजित किया था, जिसमें भाजपा के सहयोगी दलों के नेताओं के अलावा ओमप्रकाश राजभर भी शामिल हुए थे। हालांकि, बाद में राजभर ने दावा किया था कि वह मुर्मू के बुलावे पर गए थे। राजभर ने पिछले सोमवार को जारी एक बयान में यह भी दावा किया था कि वह 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ ही रहेंगे। उन्होंने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर हमला करते हुए कहा कि योगी सरकार के 100 दिन के कार्यकाल में भाजपा ने सिर्फ नफरत फैलाने का काम किया है।