Pollution : दिल्ली सरकार ने राजधानी के सरकारी व निजी स्कूलों में प्राइमरी कक्षाओं के आयोजन पर रोक लगा दी है। राज्य सरकार ने यह घोषणा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में खराब वायु गुणवत्ता के चलते लिया है। दिल्ली सरकार ने स्कूलों को बंद रखने की यह घोषणा आज,4 नवंबर 2022 को की।बता दें कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) द्ववारा राजधानी में जीआरएपी 4 लेवल के प्रोटोकॉल लागू करने की सिफारिश की गई है। शुक्रवार सुबह एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 472 तक पहुंच गया। पूरी दिल्ली में घना कोहरा छाया हुआ है। AQI हवा की क्वालिटी मापने का पैमाना है, 450 से ऊपर होने पर इसे बेहद गंभीर माना जाता है यानी फेफड़ों के लिए खतरनाक। बढ़ते प्रदूषण के कारण नोएडा प्रशासन ने शुक्रवार से 8वीं तक के बच्चों की क्लासेस ऑनलाइन लेने का फैसला किया है। वहीं, दिल्ली में शनिवार से प्राइमरी स्कूल बंद रहेंगे। केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका ऐलान किया।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली व आस-पास के इलाकों में वायु गुणवत्ता की बेहद खराब स्थिति के चलते स्कूलों को फिलहाल बंद रखने को लेकर अपडेट आने लगे हैं। दिल्ली से सटे और एनसीआर के इलाके नोएडा और ग्रेटर नोएडा में स्कूलों को बंद रखने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। गौतमबुद्ध नगर प्रशासन द्वारा वीरवार, 3 नवंबर 2022 की शाम जारी आदेश के मुताबिक पहली से आठवीं तक के स्कूलों को 8 नवंबर तक बंद रखा जाएगा और इस दौरान स्टूडेंट्स की पढ़ाई ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से कराई जाएगी। इसी प्रकार, जिला प्रशासन द्वारा सीनियर कक्षाओं यानि नौवीं से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं के लिए भी कक्षाओं को ऑनलाइन मोड में आयोजित करने के स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं।

पराली जलाने को प्रदूषण का कारण बताया
लोकल सर्कल के सर्वे के अनुसार, दिल्ली-NCR के 53% लोगों का कहना है कि पराली जलाना प्रदूषण बढ़ने का प्रमुख कारण है। 20 हजार लोगों पर किए गए सर्वे में 13% ने प्रदूषण के लिए वाहनों को जिम्मेदार माना। वहीं, 56% लोग दिल्ली में ऑड-इवन फॉर्मूला लागू करने का विरोध कर रहे हैं।

दिल्ली के इन इलाकों में AQI 400 के पार
दिल्ली के आंनद विहार में AQI 473, मुंडका में AQI 476, वजीरपुर में AQI 475, नरेला में AQI 477, जहांगीरपुरी में AQI 485, रोहिणी में AQI 474, विवेक विहार में AQI 475, नजफगढ़ में AQI 481, इंडिया गेट पर AQI 448, IGI एयरपोर्ट पर AQI 453, अशोक विहार में AQI 471, सोनिया विहार में AQI 473, अलीपुर में AQI 476, आईटीओ पर AQI 444, मंदिर मार्ग पर AQI 374 एक्यूआई दर्ज हुआ है। वहीं, दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के पास 563 AQI दर्ज किया गया।

अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ी
प्रदूषण बढ़ने से अस्पतालों की ओपीडी में सांस के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। पहले ओपीडी में हर रोज 20-25 सांस के मरीज आते थे, यह संख्या अब बढ़कर 70-75 हो गई है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने दिल्ली सरकार से स्कूलों को बंद करने का आग्रह किया है। प्रदूषित हवा से सिर्फ सांस संबंधी बीमारियां ही नहीं बल्कि हार्ट और ब्रेन स्ट्रोक के साथ ही गर्भपात का भी खतरा बढ़ गया है। दिल्ली एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि द लैंसेट की स्टडी बताती है कि वायु प्रदूषण बेहद खराब श्रेणी में होने से गर्भवती के सांस लेने का असर भ्रूण पर होता है। इससे भ्रूण का विकास कम हाेता है, साथ ही गर्भपात का खतरा भी बढ़ता है। एम्स रुमेटोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. उमा कुमार ने बताया, प्रदूषण बढ़ने से गठिया मरीजों की परेशानी बढ़ जाती है। जिनमें गठिया का लक्षण नहीं होता, उनके खून के नमूनों में ऑटो एंटीबॉडी पॉजिटिव मिला। ऐसे लोगों की संख्या 18% थी। अब इस प्रकार के रोगियों पर दोबारा से अध्ययन किया जाएगा।