कश्मीर के अलगाव की पैरवी करने वाले हिंदू विरोधी नेता से मिले राहुल - भाजपा
नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ब्रिटेन की लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कोरबिन के साथ राहुल गांधी की मुलाकात की तस्वीर साझा करते हुए कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने एक ऐसे ब्रिटिश नेता से भेंट की है जो ‘भारत से कश्मीर के अलगाव की पैरवी करता है और हिंदू विरोधी है।'
इस पर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ पहले की मुलाकातों का उल्लेख करते हुए कहा कि अगर अलग विचार रखने वाले विदेशी नेताओं से मुलाकात नहीं करनी है तो सरकार को इस बारे में स्पष्ट कर देना चाहिए।
मालवीय ने जो तस्वीर साझा की है उसमें कोरबिन और राहुल गांधी के साथ ‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस' के प्रमुख सैम पित्रोदा भी नजर आ रहे हैं। राहुल गांधी इन दिनों ब्रिटेन दौरे पर हैं जहां वह सोमवार को कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के एक संवाद सत्र में भी शामिल हुए थे।
भाजपा नेता मालवीय ने ट्वीट किया, ‘‘ब्रिटिश सांसद और लेबर नेता जेरेमी कोरबिन के साथ राहुल गांधी। कोरबिन भारत के प्रति असीमित द्वेष रखने के लिए जाने जाते हैं, वह कश्मीर के अलगाव की पैरवी करते हैं और स्पष्ट रूप से हिंदू विरोधी हैं। राहुल गांधी को आखिरकार उनका वो विदेशी साथी मिल गया है जो उनकी तरह खुलकर भारत को बदनाम करता है।''
इस पर पलटवार करते हुए सुरजेवाला ने कहा, ‘‘नेता दूसरे नेताओं से पहले भी मिलते रहे हैं और आगे भी मिलते रहेंगे जिनके विचार उनसे नहीं भी मिलते। राहुल गांधी जी का उस व्यक्ति के साथ तस्वीर लेना अपराध या आतंकवाद का कृत्य नहीं है जिसकी राय हमसे अलग है।''
उन्होंने सवाल किया, ‘‘अगर (मुलाकात नहीं करने का) यह आधार है तो फिर सवाल पूछा जाना चाहिए कि प्रधानमंत्री ने दावोस में नीरव मोदी के साथ तस्वीर क्यों खिंचवाई?उस वीडियो का क्या जिसमें प्रधानमंत्री मोदी, मेहुल चोकसी को ‘हमारे मेहुल भाई' कहते देखे जा सकते हैं? प्रधानमंत्री ने शी चिनफिंग से मुलाकात क्यों की जब चीन ने हमारे क्षेत्र पर कब्जा रखा है?''
सुरजेवाला ने यह सवाल भी किया, ‘‘प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान जाकर नवाज शरीफ से मुलाकात क्यों की? क्या सरकार यह वादा करेगी कि ऐसे किसी व्यक्ति के साथ मुलाकात नहीं होगी जिसके हमसे अलग विचार हों?'' उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के दुष्प्रचार पर नहीं, असल मुद्दों पर चर्चा करने का समय है।''