भोपाल । देश के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर अब किसी भी तरह की गंभीर दुर्घटना होने पर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा तुरंत दुर्घटना के कारणों की समीक्षा करते हुए सुधार कार्य किए जाएंगे। इसके लिए उस स्थल को ब्लैक स्पॉट घोषित होने का इंतजार नहीं किया जाएगा। इस संबंध में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने आदेश जारी किए हैं।
मंत्रालय द्वारा जारी आदेश देश के सभी राज्यों के मुख्य सचिव, डीजीपी और एनएचएआई के अधिकारियों को भेजते हुए इसे तुरंत लागू करने की बात कही गई है। यह आदेश पिछले दिनों दिल्ली में हुई एनएचएआई की बैठक के बाद जारी किए गए हैं, जिसमें सड़क हादसों को कम करने के बारे में चर्चा की गई थी। आदेश में लिखा गया है कि पुलिस द्वारा राष्ट्रीय राजमार्गों पर होने वाले हादसों की जो रिपोर्ट दर्ज की जाती है, उस आधार पर एनएचएआई के अधिकारी रिपोर्ट की समीक्षा के बाद घटना स्थल पर जाकर सर्वे करेंगे और अगर इस दौरान कोई तकनीकी गलती सामने आती है तो तुरंत उस पर काम शुरू करेंगे। इसके साथ ही अगर सुरक्षा उपायों जैसे मार्ग संकेतक और चेतावनी बोर्ड लगाने की जरूरत लगती है तो उसे भी तुरंत लगाने का काम करेंगे।
एनएचएआई द्वारा सालों से जो प्रक्रिया अपनाई जा रही है उसमें किसी भी राष्ट्रीय राजमार्ग पर होने वाले हादसों के कुछ सालों के विश्लेषण के ऐसे स्थानों को ब्लैक स्पॉट घोषित किया जाता है, जहां काफी हादसे हुए हैं। इसके बाद उसके सुधार की योजना तैयार कर सुधार शुरू किया जाता है। इसमें कई सालों का समय लग जाता है। इस दौरान ऐसे स्थानों पर कई हादसे हो चुके होते हैं और कई लोग इसमें अपनी जान गवां चुके होते हैं। इसे देखते हुए ही अब मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि ब्लैक स्पॉट घोषित होने का इंतजार किए बिना ही तत्काल सुधार पर काम किया जाएगा। इससे हादसों के तुरंत बाद सर्वे से तकनीकी खामियां सामने आने पर तुरंत सुधार हो जाएगा और हादसों को रोका जा सकेगा। इससे ऐसे स्थान ब्लैक स्पॉट घोषित होने से पहले ही ठीक हो जाएंगे और ब्लैक स्पॉट की व्यवस्था ही खत्म हो जाएगी।
पुलिस से डेली डेटा लेने के लिए बनाई व्यवस्था 
एनएचएआई ने आदेश में यह भी बताया है कि पुलिस से राजमार्गों पर होने वाले हादसों की जानकारी तुरंत प्राप्त करने के लिए इंटिग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस (आईआरएडी) की व्यवस्था को भी तैयार किया गया है। इसके तहत पुलिस अधिकारी दुघर्टना की स्थिति में आईआरएडी पर रिपोर्ट करेंगे। इसे देखने के लिए सभी कार्यकारी इंजीनियरों और रीजनल ऑफिसर्स को लॉगिन आईडी जारी किए गए हैं, जिससे वे दुर्घटना रिपोर्ट होने पर तुरंत उसका सुरक्षा ऑडिट करेंगे, साथ ही इन दुर्घटना स्थलों के तत्काल अल्पकालिक सुधार उपायों के प्रस्तावों को भी आरओ द्वारा अपने स्तर पर सीधे स्वीकृत किया जा सकेगा।