भारत के बाद बिक्स समूह में शामिल दूसरा देश 

ब्रासीलिया । चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के ड्रीम प्रॉजेक्ट, बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई), को एक और बड़ा झटका लगा है। ब्राजील ने साफ कर दिया है कि वे इस महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा नहीं बनेगा। इसके पहले, चीन ने योजना बनाई थी कि नवंबर में जिनपिंग की ब्राजील यात्रा के दौरान बीआरआई के विस्तार पर जोर दिया जाएगा।दरअसल अमेरिका ने ब्राजील को आगाह किया था कि वह बीआरआई के संभावित खतरों की समीक्षा करे, जिसे अक्सर चीन के कर्ज के जाल के रूप में देखा जाता है। इस चेतावनी के बाद ब्राजील की सरकार ने बीआरआई में शामिल न होने का निर्णय लिया। ब्राजील के राष्ट्रपति के अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेष सलाहकार सेल्‍सो अमोरिम ने कहा, “हम बीआरआई को आगे बढ़ाने पर हस्ताक्षर नहीं करने वाले है। हमारा उद्देश्य है कि हम चीनी निवेशकों के साथ सहयोग करें, लेकिन बिना बीआरआई के आधिकारिक तौर पर शामिल हुए।”


ब्राजील का दृष्टिकोण
अमोरिम ने स्पष्ट किया कि ब्राजील चीनी आधारभूत ढांचे और व्यापार परियोजनाओं को बीमा पॉलिसी के रूप में नहीं लेना चाहता। उन्होंने कहा, हम कुछ फ्रेमवर्क को ब्राजील के आधारभूत ढांचा प्रोजेक्ट से जोड़ना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए हमें बीआरआई पर साइन नहीं करना पड़ेगा। ब्राजील का यह फैसला चीनी योजना के खिलाफ है, जो कि नवंबर में शी जिनपिंग की यात्रा के दौरान बीआरआई के विस्तार की आशा कर रहा था।
ब्राजील के राजनयिकों ने सलाह दी थी कि अमेरिका के चुनावों के परिणाम आने तक बीआरआई में शामिल होने की घोषणा टाल दें। यदि पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप फिर से राष्ट्रपति बनते हैं, तब ब्राजील का बीआरआई में शामिल होना अल्पकालिक लाभ दे सकता है, लेकिन इसके दीर्घकालिक परिणाम अमेरिकी संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। इस निर्णय से यह स्पष्ट होता है कि ब्राजील और भारत जैसे देशों की रणनीतिक प्राथमिकताएं अमेरिका के साथ उनके संबंधों को अधिक महत्व देती हैं।