आलिया यूनिवर्सिटी के कई छात्रों ने मंगलवार को स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के पूर्व नेता अनीश खान की ‘रहस्यमय’परिस्थितियों में हुई मौत की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की मांग को लेकर सड़कों पर प्रदर्शन किया। साल 2019-20 में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों में एक प्रमुख चेहरा रहे खान की तस्वीरें लेकर छात्रों ने रैली निकाली और उसकी हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों को तत्काल गिरफ्तार किए जाने की मांग की। इस मामले पर अब तक तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जा चुका है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि खान की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाएगा।

छात्र नेता के पिता ने आरोप लगाया था कि 18 फरवरी को हावड़ा जिले में स्थित उनके घर पर चार लोग पुलिस की वर्दी और सादे कपड़ों में पहुंचे थे और उन्होंने उनके बेटे को घर की तीसरी मंजिल से धक्का दे दिया था, जिससे उसकी मौत हो गई। मृतक के पिता ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने छात्र नेता अनीस खान की कथित हत्या के मामले में सोमवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से इस संबंध में 24 फरवरी तक जवाब देने को कहा। न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा ने रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि वह वकील की मौखिक अर्जी को स्वत: संज्ञान के रूप में दर्ज करे और राज्य सरकार से इस संबंध में 24 फरवरी तक जवाब देने को कहा।

सामाजिक कार्यकर्ता खान की हत्या की गई है, वरिष्ठ अधिवक्ता बिकास भट्टाचार्य और अधिवक्ता कौस्तव बागची ने अदालत को बताया कि उन्होंने (खान) शिक्षण संस्थानों द्वारा कथित रूप से लिए जा रहे दान के खिलाफ और हावड़ा जिले के उलुबेरिया में अस्पतालों की खस्ता हालत पर सार्वजनिक रूप से आवाज उठाई थी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को मामले की जांच के लिए एसआईटी (विशेष जांच दल) का गठन करने का आदेश दिया।