वर्चुअल सुनवाई को मौलिक अधिकार बनाने की सुप्रीम इजाजत
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि कंपनी का निदेशक जो संबंधित समय पर व्यवसाय के संचालन के लिए प्रभारी या जिम्मेदार नहीं था, चेक बाउंस के लिए निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के तहत उत्तरदायी नहीं होगा।आभासी सुनवाई को मौलिक अधिकार घोषित करने की मांग वाले मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उन सभी हाईकोर्ट को पक्षकार बनाने का आवेदन स्वीकार कर लिया जिन्होंने आभासी सुनवाई के अनुरोधों पर विचार करना बंद कर दिया है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने सुप्रीम कोर्ट की ई-समिति को भी पक्षकार बनाने की सोमवार को अनुमति दी।इसके अलावा पीठ ने इस मामले में शीर्ष अदालत के समक्ष तीन याचिकाओं में से एक याचिकाकर्ता वरुण ठाकुर की याचिका पर नोटिस जारी किया। कोर्ट पहले ही अन्य दो याचिकाओं में नोटिस जारी कर चुका है। एक ऑल इंडिया ज्यूरिस्ट्स एसोसिएशन द्वारा दायर की गई है और दूसरी नेशनल फेडरेशन ऑफ सोसाइटीज फॉर फास्ट जस्टिस द्वारा दायर की गई है।