नई दिल्ली । सप्लाई और डिमांड में भारी अंतर आने के चलते चीनी की कीमत 12 साल के शीर्ष स्तर पर पहुंची है। 19 सितंबर को चीनी की कीमत बढ़कर 27.5 डॉलर पर पहुंच गई। इस साल अब तक चीनी की कीमत में करीब 30 प्रतिशत की तेजी आई है। चीनी की बढ़ती कीमत से अमेरिका भी अछूता नहीं है। यहां पर अभी भी चीनी 27 डॉलर के करीब कारोबार कर रही है।
बिजनेस जानकार का कहना है कि भारत में चीनी का उत्पादन प्रभावित होने से देश ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में महंगाई बढ़ गई है। लगभग सभी देशों में चीनी की कीमत सातवें आसमान पर पहुंच गई है। हालांकि, भारत में केंद्र ने त्यौहारी सीजन को देखकर चीनी की बढ़ती कीमत पर लगाम लगाने के लिए कमर कस ली है। मोदी सरकार 13 लाख टन चीनी का कोटा खुले बाजार में जारी कर सकती है।
वहीं, एग्रीमंडी के को फाउंडर हेमंत शाह का कहना है कि पिछले दो महीने से केंद्र सरकार लगातार चीनी की मॉनिटर कर रही है। सरकार समय-समय पर एक्शन भी ले रही है। मोदी सरकार की यही कोशिश है कि दुर्गा पूजा और दिवाली जैसे त्योहार के दौरान बाजार में चीनी की सप्लाई प्रभावित न हो, ताकि कीमतें नियंत्रित रहें। जानकारी के मुताबिक, सूखे और कम बारिश की वजह से भारत के साथ-साथ थाईलैंड में भी चीनी के प्रोडक्शन में गिरावट आई है। वहीं चीनी की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है, जबकि, ब्राजील में चीनी का बंपर उत्पादन हुआ है। इसके बावजूद भी इंटरनेशनल मार्केट में चीनी की कीमत बढ़ती ही जा रही है।